बिहार सरकार ने बोर्ड और आयोग को भरने की कर ली तैयारी, ये होगा फार्मूला…

मंत्रिमंडल विस्तार के बाद NDA के नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक की नजरें इन पदों पर टिकी हुई...

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प्रदेश में लंबे समय से खाली पड़े आयोग (commission) बोर्ड और निगम के कई पदों को जुलाई महीने में भरा जा सकता है. दरअसल मंत्रिमंडल विस्तार के बाद NDA के नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक की नजरें इन पदों पर टिकी हुई हैं. हर कोई इन पदों के लिए बेताब है.

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सूत्रों की माने 15 जुलाई के पहले बिहार में खाली पड़े कई आयोग बोर्ड और निगम के पदों को भरा जा सकता है. इसके पीछे जो मकसद है वो है एनडीए की एकजुटता दिखाने से लेकर बेहतर काम करने वाले कार्यकर्ताओं को खुश करना.

बिहार में सियासत हुई गर्म

nitish kumar

दरअसल तेजस्वी यादव के दावे के बाद की दो-तीन महीने में बिहार में NDA की सरकार गिर जाएगी इस बयान ने बिहार की सियासत को गर्मा दिया है. इसी बीच ख़बर ये भी आ रही थी की मुकेश सहनी और मांझी थोड़े नाराज चल रहे थे और इसका हवाला देकर महागठबंधन के नेता समय-समय पर एनडीए सरकार गिरने का बयान दे माहौल को गर्मा रहे थे.

एनडीए के नेताओं की तरफ से भी तेजस्वी के बयान पर खूब पलटवार हो रहा है. दावा किया जा रहा है की NDA की सरकार को कोई ख़तरा नही है लेकिन इसी बीच सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक़ जुलाई महीने में कभी भी लगभग तीन दर्जन के आसपास महत्वपूर्ण बोर्ड आयोग (commission) और निगम को भरने की तैयारी शुरू हो चुकी है.

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इसके साथ ही जिनकी नज़र MLC की कुर्सी पर थीं और नहीं मिली या फिर चुनाव हार गए उनके साथ-साथ जातीय समीकरण पर भी विशेष ख़्याल रखा जा सकता है.

ये हो सकता है फार्मूला

सूत्र ये भी बता रहे हैं कि भाजपा और JDU के बीच बराबर-बराबर बंटवारा हो सकता है और जेडीयू अपने कोटे से HAM और भाजपा अपने कोटे से मुकेश सहनी को दे सकती है. जो फार्मूला विधानसभा चुनाव के वक़्त हुआ था वही. यानी जेडीयू के बीच 40=40 और मुकेश सहनी और मांझी की पार्टी को दस-दस प्रतिशत जगह मिल सकती है.

आयोग (commission) के मेम्बर और बोर्ड के चेयरमैन का दर्जा राज्य स्तर के मंत्री के बराबर होता है और उन्हें भी लगभग वही सुविधा मिलती है. 2015 से बिहार में अधिकांश बोर्ड आयोग और निगम खाली पड़े हैं. कुछ महत्वपूर्ण बोर्ड आयोग और निगम जो ख़ाली हैं उनमें भोजपुरी अकादमी , महिला आयोग, महादलित विकास मिशन, मानवाधिकार आयोग, बाल अधिकार संरक्षण आयोग सहित अन्य विभाग भी है.

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