दहशत : अपने ही विश्वविद्यालय में कैद हुए ‘भीमराव आंबेडकर’

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लखनऊ– उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों डॉ. भीमराव आंबेडकर की मूर्तियों के टूटने की घटनाएं सामने आई हैं। ऐसी कोई घटना बाबा साहब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में न हो

इसलिए विश्वविद्यालय ने मूर्तियों को रेलिंग और चैनल में बंद कर ताला लगा दिया गया है। विश्वविद्यालय के वीसी प्रो. आरसी सोबती ने बताया कि ये सुरक्षा की दृष्टि और उचित रखरखाव की वजह से किया गया है।

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पिछले दिनों प्रदेश भर में मूर्तियों के टूटने की घटनाएं सामने आई हैं। ऐसी कोई घटना बीबीएयू में न हो इसलिए विश्वविद्यालय ने मूर्तियों को ही कैद कर दिया। यह स्थिति तब है जब विश्वविद्यालय में गार्डों की एक अच्छी-खासी फौज मौजूद है, जो 24 घंटे सुरक्षा में तैनात रहती है। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन को अपने ही गार्डों पर भरोसा नहीं है। 

बाबा साहेब की मूर्तियों को बंद करने पर विश्वविद्यालय का तर्क है कि यह प्रस्ताव पहले से था। विश्वविद्यालय की प्रवक्ता डॉ. रचना गंगवार ने बताया कि हमारे विश्वविद्यालय में मूर्तियां तोड़ने जैसी घटना की हम लोग अपेक्षा नहीं करते। असल में कई लोगों ने सुझाव दिया था कि मूर्तियों को कवर कर दिया जाए ताकि उनका रख-रखाव सही ढंग से हो सके। इसलिए उसे कवर करवाया गया है। 

हालांकि मूर्तियां उस दौरान कवर कराई गईं, जिस समय देशभर में मूर्तियों के तोड़े जाने की घटनाएं सामने आ रहीं थी। विश्वविद्यालय के रिसर्च स्कॉलर अभिषेक का कहना है कि जिस विश्वविद्यालय में 50 प्रतिशत छात्र और शिक्षक एससी-एसटी कैटिगरी के हों, वहां बाबा साहेब को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें कैद कर दिए जाने से हास्यास्पद और कुछ भी नहीं हो सकता। 

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