छत्तीसगढ़ में माया के पैंतरे से बीजेपी ने ली राहत की सांस
लखनऊ–छत्तीसगढ़ में बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती और कांग्रेस से अलग हो चुके अजीत जोगी के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन के ऐलान से भारतीय जनता पार्टी बड़ी राहत महसूस कर रही है। महागठबंधन की संभावनाओं से आशंकित बीजेपी को अब लग रहा है कि मायावती के एमपी और राजस्थान के स्टैंड से बीजेपी के लिए इन राज्यों में राह कुछ आसान हो सकती है।
पार्टी को लग रहा है कि अगर बीएसपी तीनों ही राज्यों में कांग्रेस से अलग चुनाव लड़ती है तो बीजेपी विरोधी वोट बंट जाएगा, जिसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा। पार्टी के एक नेता के मुताबिक मध्यप्रदेश में पिछली बार बीजेपी को लगभग 45 फीसदी वोट मिले थे जबकि कांग्रेस लगभग 37 फीसदी वोट हासिल कर सकी थी। इसके अलावा सवा 6 फीसदी वोट बीएसपी को मिले थे। इस तरह से अगर कांग्रेस और बीएसपी के वोट मिला लिए जाएं तो बीजेपी के लिए मुश्किल हो जाती। इसी तरह छत्तीसगढ़ में तो कांग्रेस और बीजेपी के बीच वोटों का अंतर लगभग एक फीसदी का ही था जबकि बीएसपी ने 4 फीसदी से अधिक वोट हासिल किए थे।
बीएसपी सुप्रीमो मायावती संभवतः समाजवादी पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के साथ मिलकर तीसरा मोर्चा बना सकती हैं। यह तीसरा मोर्चा राजस्थान चुनावों को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा। माना जा रहा है कि अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले बीएसपी की ओर से कांग्रेस को यह तीसरा झटका होगा।