बर्थ-डे स्पेशलःटीम इंडिया के “युवराज” के करियर पर ऐसे लगा ब्रेक !

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स्पोर्ट्स डेस्क –बर्थडे बॉय क्रिकेटर युवराज सिंह 12 दिसंबर यानि आज अपना 36वां बर्थडे मना रहें हैं।लंबे समय से भारतीय टीम से बाहर चल रहे टीम इंडिया के युवराज की अब वापसी मुश्किल लग रही है, लेकिन उन्होंने इसकी उम्मीद नहीं छोड़ी है.

2011 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के हीरो रहे युवराज का क्रिकेट करियर खत्म होने के पीछे एमएस धोनी को वजह माना जाता है. कहा जाता है कि उन्होंने कई खिलाड़ियों का करियर खत्म किया, जिसमें युवराज भी एक हैं. युवराज के पिता योगराज सिंह ने भी धोनी पर उनके बेटे का करियर खराब करने के आरोप लगा चुके है.उस समय युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने कहा था, ”धोनी ने युवराज के क्रिकेट करियर के तीन महत्वपूर्ण साल खराब कर दिए.”

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टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर और सिक्सर किंग युवराज सिंह 12 दिसंबर को 37 साल के हो गए. 1981 में पंजाब के चंडीगढ़ में जन्मे युवराज सिंह से सिर्फ 19 साल की उम्र में ही साल 2000 में पहला वनडे मैच खेला था. पिछले 15 सालों से युवराज भारतीय क्रिकेट की धुरी रहे हैं. युवराज क्रिकेट, बॉल और फिल्डिंग तीनों में टीम के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ियों में गिने जाते रहे हैं.

फिलहाल युवराज सिंह अपने खराब फिटनेस की वजह से  टीम से बाहर चल रहे हैं, लेकिन इस हीरो ने जिस तरह से अपनी असल जिंदगी में कैंसर से जंग जीत कर मैदान में वापसी की, उसे देखकर माना जा रहा है युवी फिटनेस से लड़कर भी जल्द मैदान पर वापसी करते हुए दिखाई देंगे. आइए जानते हैं 2007 और 2011 वर्ल्ड कप के हीरों के बारे में…

युवराज सिंह 2011 वर्ल्ड कप में मैन ऑफ द सीरीज रहे थे. उन्होंने 9 मैचों में 90.5 के जबरदस्त एवरेज से 362 रन बनाए थे. उन्होंने 15 विकेट भी झटके थे. सीरीज के दौरान युवराज को कई बार खून की उल्टी भी हुई, लेकिन वो टीम इंडिया को वर्ल्ड कप जिताने के मिशन में लगे रहे.2 अप्रैल, 2011 को टूर्नामेंट खत्म होते ही युवराज के साथ ही फैन्स के लिए उन्हें कैंसर होने की खबर किसी झटके से कम नहीं थी. वर्ल्ड कप के तुरंत बाद युवराज को अपने इलाज के लिए अमेरिका तक जाना पड़ा. युवी की बीमारी ने ही उनके करियर पर सबसे बड़ा ब्रेक लगाया.यदि ऐसा नहीं होता तो वर्ल्ड कप के बाद युवराज जिस फॉर्म में थे, उन्हें रोक पाना आसान नहीं होता. 

अप्रैल, 2012 में वो एक बार फिर मैदान में लौटे और क्रिकेट फील्ड पर फिर से खुद को ढालने की कोशिश की. दिसंबर, 2012 में पाकिस्तान के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए उन्हें टीम में शामिल किया गया.वापसी के बाद अपने पहले ही मैच में युवराज सिंह सिर्फ 2 रन बना सके. हालांकि, इसके बाद भी वो टीम में बने रहे और उन्हें कई मौके दिए गए. लेकिन तब युवराज वर्ल्ड कप वाली फॉर्म में नहीं दिखे.इस दौरान 19 में से सिर्फ 2 मैचों में ही वो हाफ सेन्चुरी लगा सके. इसके बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया.

बता दें कि युवराज ने तीनों फॉर्मेट टेस्ट, वनडे और टी-20 में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्वम किया लेकिन उन्हेंा शार्टर फॉर्मेट में सफलताएं ज्यापदा मिली. हाल ही में मॉडल हेजल कीच के साथ विवाह बंधन में बंधे युवराज ने 40 टेस्ट , 304 वनडे और 58 टी20 मैच भारत के लिए खेले हैं. टेस्टि मैचों में उनके नाम पर 1900 रन (तीन शतक), वनडे मैचों में 8701 रन (14 शतक) और टी20 मैचों में 1177 रन दर्ज हैं. 

 

 

 

 

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