सावधान: रोडवेजकर्मियों का आज बड़ा प्रदर्शन, प्रभावित होगा बस संचालन
लखनऊ– आज घर से निकलें, तो जरा सोच-समझकर। रोडवेज बस के भरोसे यात्रा की उम्मीद कम ही रखें। वजह है कि गुरुवार को लखनऊ समेत प्रदेश भर के हजारों रोडवेजकर्मी बस की स्टीयरिंग और ईटीएम छोड़ कर विरोध प्रदर्शन के लिए मुख्यालय पर जमा होंगे। इसके चलते बसों के संचालन पर असर पड़ना संभव है।
रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद का कहना है कि कर्मचारी परिवहन निगम प्रबंधन की वादाखिलाफी से परेशान होकर ये विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि लखनऊ स्थित परिवहन निगम मुख्यालय पर गुरुवार को हजारों कर्मचारियों की भीड़ इकट्ठा होगी।
सातवां वेतनमान न दिए जाने और एसीपी पर रोक लगाए जाने समेत कई अन्य मांगें न पूरी होने के विरोध में रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद, उत्तर प्रदेश गुरुवार को हजारों रोडवेज कर्मियों के साथ परिवहन निगम मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन करेगा। परिषद के प्रांतीय महामंत्री गिरीश मिश्रा ने बताया कि प्रबंधन उनकी मांगों पर नजरअंदाज कर रहा, इसलिए धरना-प्रदर्शन करना पड़ रहा है।
गिरीश मिश्रा ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से परिषद के तमाम सदस्य गुरुवार को लखनऊ पहुंच रहे हैं। महामंत्री ने बताया कि हालांकि सभी को निर्देशित किया गया है कि बस संचालन प्रभावित न होने दें, लेकिन प्रबंधन के हठवादी रवैये से खफा कर्मचारी आंदोलन पर आमादा हैं, इसलिए किसी को रोका भी नहीं जा रहा है।
इस महीने तक चार संगठन उतरेंगे मैदान में
कर्मचारियों का कहना है कि रोडवेज प्रबंधन की वादाखिलाफी का अंदाजा इस बात से लग जाता है कि 5 से 16 अप्रैल के बीच रोडवेज के चार बड़े संगठन विरोध प्रदर्शन के लिए मैदान में उतर रहे हैं। इन संगठनों की प्रमुख मांग सातवां वेतनमान और संविदा कर्मियों के हित में आवाज उठाना है। पांच अप्रैल को रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद, 11 अप्रैल को रोडवेज इंप्लाइज यूनियन, 12 अप्रैल को सेंट्रल रीजनल वर्कशॉप कर्मचारी संघ और 16 अप्रैल को उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी संघ अपनी अपनी मांगों को लेकर रोडवेज प्रबंधन के खिलाफ सड़क पर निकलेगा।
अधिकारी अभी से है परेशान
5 अप्रैल से 16 अप्रैल के बीच चार संगठनों के मैदान में उतरने से रोडवेज अधिकारियों को अभी से पसीना छूटने लगा है। अधिकारियों को लग रहा है कि इन बड़े संगठनों के मैदान में उतरने से जहां बस संचालन पर असर पड़ेगा, वहीं यात्रियों को काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ेगा। वैसे अधिकारियों का ये सोचना भी गलत नही होगा । उन्हें पता है कि बस संचालित नहीं होगी, तो लोड फैक्टर गिरेगा और रोडवेज को अच्छा-खासा नुकसान होगा।