बहराइच– हेल्लो! महेश मैं बहराइच एसपी बोल रहा हूं। आप लोग परेशान न हो। मैं 15 मिनट में आपके पास पहुँच रहा हूँ। आप लोग विश्वास रखिए। आप अपने घर सुरक्षित पहुचेंगे और कुछ ही देर बाद एसपी झिंगहा घाट पर एसपी ने पहुँचकर कर बस ड्राइवर को 28 हजार रुपये किराया देकर उन्हें सुरक्षित घर पहुँचने की जिम्मेदारी दी। सभी मजदूरों ने एक साथ हाथ जोड़कर बोला- थैंक्यू एसपी सर।
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लॉकडाउन के कारण बाहर कमाने गए मजदूर विदेश समेत अन्य जगहों पर फंस गए। पड़ोसी देश नेपाल में भी बिहार के 14 मजदूर फंसे हुए थे। जब सब लोग जांच कराकर भारत में प्रवेश किए तो रूपईडीहा पुलिस ने बिहार जाने के लिए खड़ी बस पर बैठा दिया। रात लगभग 11 बजे बस बहराइच के झिंगहाघाट पर आकर खड़ी हो गई। बस चालक ने पैसे की मांग की। पैसा न होने पर 14 मजदूरों को उतार दिया।
सकते में आ गए मजदूर-
सभी मजदूर सकते में आ गए और रोने लगे। तभी मुकेश नाम के एक मजदूर ने जिले के समाजसेवी व देहात संस्था के संस्थापक जितेंद्र चतुर्वेदी को फोन पर अपनी आप बीती सुनाई। समाजसेवी ने तत्काल इसकी सूचना एसपी विपिन मिश्रा को दी। सूचना मिलते ही एसपी ने मजदूर के नंबर पर फोन किया और बोले कि मैं बहराइच एसपी विपिन मिश्रा बोल रहा हूं। आप परेशान न होइए मैं तुरंत आ रहा हूं। फोन रखने के 15 मिनट के अंदर एसपी झिंगहाघाट स्थित प्राइवेट बस अड्डे पर पहुंचे। एसपी को देखते ही मजदूरों की आंखों से दर्द के आंसू निकलने लगे। एसपी ने जानकारी लेते हुए ड्राइवर को अपने पास से 28 हजार रूपये किराया दिए। ड्राइवर को सख्त निर्देश दिए कि इन्हें सुरक्षित इन्हें घर पहुंचाया जाए।
मदद करना ही इंसानियत कहलाती हैं-
इस संकट की घड़ी में अगर किसी को मदद करने का मौका मिले तो अपने स्तर से मदद जरूर करना चाहिए। मुझे मदद करने का अवसर मिला यह मेरा सौभाग्य है। मदद करना ही असली इंसानियत कहलाती है।
(रिपोर्ट-अनुराग पाठक,बहराइच)