अयोध्या: भूमि-पूजन की भव्य तैयारी, PM-आडवाणी समेत इन नेताओं को मिलेगा न्योता

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर हलचल तेज हो गई है.

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राम मंदिर निर्माण को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. ट्रस्ट की बैठक के बाद अब अगस्त के पहले हफ्ते में भूमि पूजन कराए जाने की उम्मीद है.

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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर हलचल तेज हो गई है. अगस्त के पहले हफ्ते में भूमि पूजन का कार्यक्रम किया जा सकता है. इसकी भव्य तैयारी की जा रही है. भले ही कोरोना वायरस का संकट हो लेकिन सभी नियमों का ध्यान रखते हुए इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भूमि पूजन करेंगे, हालांकि अभी प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से पुष्टि नहीं की गई है. पीएम के अलावा कई अन्य दिग्गजों को बुलाया जाएगा.

मंदिर आंदोलन से जुड़े लोग होंगे शामिल-

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राम मंदिर आंदोलन से जुड़े वरिष्ठ भाजपा नेता और संत समाज के लोगों को भी भूमि पूजन के कार्यक्रम में बुलाया जा सकता है. इनमें पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, बीजेपी के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी को बुलाया जाएगा, कोशिश रहेगी कि वो अयोध्या ही आएं.

साथ ही मंदिर आंदोलन से पहचान बनाने वाले नेताओं में उमा भारती, विनय कटियार और साध्वी ऋतंभरा को बुलाया जा सकता है. विश्व हिंदू परिषद की ओर से आलोक कुमार, मिलिंद परांदे शामिल हो सकते हैं. जबकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर खुद मोहन भागवत और अन्य कुछ नेता आ सकते हैं.

अगर सरकार की बात करें, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस कार्यक्रम में हिस्सा ले सकते हैं. सूत्रों की मानें तो वीआईपी गेस्ट की संख्या सिर्फ 50 तक रहेगी, साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाएगा. इसके अलावा अयोध्या के पांच-छह इलाकों में बड़ी स्क्रीन लगाई जाएगी, ताकि लोगों को कार्यक्रम देखने में कोई दिक्कत ना आए.

नींव में स्थापित की जाएगी रजत शिला-

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास श्रीराम लला को मणिरामदास छावनी की ओर से 40 किलो चांदी की शिला समर्पित करेंगे. ये रजत शिला भूमि पूजन के दौरान मंदिर की नींव में स्थापित की जाएगी. वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पीएम मोदी रजत शिला को राम मंदिर की नींव में स्थापित करेंगे. यह जानकारी देते हुए नृत्यगोपाल दास ने बताया कि साल 1989 में लोगों ने एक शिला और सवा रुपये का दान मंदिर के लिए किया था. तब बड़ी तादाद में लोगों ने अपनी सामर्थ्य के अनुसार सहयोग राशि प्रदान की थी.

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