लिव-इन रिलेशनशिप जीवन का हिस्सा: इलाहाबाद हाई कोर्ट
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि लिव-इन रिलेशनशिप जीवन का अभिन्न अंग बन गया है।उन्हें सामाजिक नैतिकता की धारणा के बजाय व्यक्तिगत स्वायत्तता के लेंस के माध्यम से देखा जाना चाहिए। जस्टिस प्रिंकर दिवाकर और आशुतोष श्रीवास्तव की बेंच ने दो…