NH-31 की खस्ताहाल पर आत्मदाह का प्रयास, बेबस दिखी पुलिस
बलिया — बलिया के NH 31 की जर्जर हालत को लेकर पिछले पांच सालों से आंदोलन कर रहे समाजसेवी दुर्गविजय सिंह झलन ने NH के बीचों बीच पुलिस की मौजूदगी में आत्मदाह का प्रयास किया। इस दौरान आंदोलनकारियों के सामने पुलिस पूरी तरीके से बेबस नज़र आई।
आम आदमी के लिए विकास का सबसे बड़ा पैरामीटर चमचमाती सड़के होती है पर दुर्भाग्य है कि बलिया जनपद में मौजूद NH 31 अपनी बदहाली पर आशू बहा रहा है और आम जनता विकास के दावों के नीचे धूल फाकने को मजबूर है । लगभग 90 किमी लंबे NH31 की जर्जर हालत को देखते हुए समाजसेवी दुर्ग विजय सिंह झलन पिछले पांच सालों से आंदोलन कर रहे है । सरकारे बदल गई अधिकारी बदल गए पर NH 31 की किस्मत कोई नही बदल पाया। NH31 की मरमत की मांग को लेकर दुर्ग विजय सिंह झलन ने NH31 पर जाम लगा दिया और पुलिस के सामने ही आत्मदाह की कोशिश की।
दरसअल NH 31 बलिया जी लाइफ लाइन है जो बिहार की दो सीमाओ को जोड़ती है । 90 किमी लंबी इस सड़क से प्रतिदिन हजारों वाहन गुज़रते है । जर्जर हो चुकी सड़क की हालत ऐसी है की आधी सड़क में गड्ढे ही गड्ढे है और सड़क किनारे रहने वाले धूल और प्रदूषण से लगातार बीमार पड़ रहे है ।भारी वाहनो के पलटने और दुर्घटनाओ का सिलसिला लगातार जारी है। हालांकि NH 31 को फोरलेन बनाने की घोषणा पिछले ही कार्यकाल में कर चुके है पर हर वादे ढकोशले ही साबित हुए है ऐसे में स्थानीय लोंगो के सब्र का बांध टूटता जा रहा है ।
(रिपोर्ट-मनोज द्विवेदी,बलिया)