पिता ने कतरे पर, पति ने तोड़ी कमर, आशा ज्योति केंद्र का मिला सहारा
न्यूज़ डेस्क– बचपन में ही मां का आंचल छूट गया, पिता ने बोझ की तरह पाला। किशोरावस्था में ही पिता ने उसकी शादी अधेड़ से कर दी। पति ने उससे तमाम सितम ढाए। हद तो तब हो गई जब उस पर दूसरे के साथ हम बिस्तर होने का दबाव बनाया। मना करने पर छत से नीचे फेंक दिया, जिससे उसका कमर से नीचे का हिस्सा काम करना ही बंद कर दिया। तमाम पीड़ा झेलने के बाद अब उसे आशा ज्योति केंद्र में सहारा मिला तो उसमें भी जीने की इच्छा जागी है।
सीतापुर के आशा ज्योति केंद्र में रह रही पूजा (20) को मंगलवार को लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल स्थित आशा ज्योति केंद्र लाया गया। शाहजहांपुर की रहने वाली पूजा बताती है कि उसके पिता ने महज 14 साल की उम्र में उसका विवाह एक अधेड़ से कर सीतापुर भेज दिया। उसके पति ने उससे जबरन अन्य व्यक्तियों से शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाया। विरोध करने पर उसने उसे छत से नीचे फेंक दिया, जिससे उसका कमर के नीचे का हिस्सा काम करना बंद कर दिया। अब वह न चल सकती है और उठ पाती है। किसी तरह वह पिता के घर पहुंची तो उन्होंने भी उसे घर से भगा दिया। वह जगह-जगह भटकी, लेकिन कहीं भी सहारा नहीं मिला। फिर भीख मांगकर गुजारा करने लगी। बुधवार को वह आपबीती सुनाते-सुनाते फफक कर रोने लगी।
पूजा बताती है कि वह ट्रेन में भीख मांग रही थी तभी किसी ने उसकी हालत देख आशा ज्योति केंद्र (181) पर सूचना दे दी। आशा ज्योति केंद्र वाले उसे अपने साथ ले गए। बाद में मामला सीतापुर डीएम तक पहुंचा तो उन्होंने उसकी देखभाल के निर्देश दिए। पूजा को जिलाधिकारी सीतापुर ने दस दिन पहले वहां के आशा ज्योति केंद्र भेजा था। वहां समुचित व्यवस्थाएं न होने की वजह से उसे लखनऊ भेज दिया गया। मंगलवार को काउंसलिंग में उसने अपनी आपबीती सुनाई। वह बहुत डरी हुई है।