सेना की वर्दी होगी हाईटेक, बर्फ में दबे जवानों को ढूंढना होगा आसान

3 से 5 मीटर नीचे दबे होने पर भी सेंसर करेगा काम

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उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान (यूपीटीटीआई) भारतीय सेना की वर्दी (Army uniform) को अब और हाईटेक बनाने जा रही है। UPTTI सेना के लिए एक ऐसा स्मार्ट फैब्रिक तैयार करने जा रही है जिसमें सेंसर और चिप से सैनिको की लोकेशन आसानी से ट्रेस की जा सकेगी और उनके घायल होने या मुसीबत में फँसे होने पर उनको आसानी से मदद पहुँचाई जा सकेगी। इसके लिए केन्द्र सरकार और डिफेन्स की मंजूरी भी मिल गई है।

प्रोजेक्ट पर तेजी से चल रहा काम 

दरअसल कानपुर के सूटरगंज इलाके में बने यूपीटीटीआई में इस समय भारतीय सेना के लिए नए प्रोजेक्ट पर काम तेजी से चल रहा है। पीटीटीआई भारतीय सेना के जवानो के लिए सेंसर और चिप लगे कपडे (Army uniform) को बनाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए केन्द्र सरकार और डिफेन्स की मंजूरी मिल गई है , बहुत जल्द भारतीय सेना के उन जवानो को जो दुरूह और दुर्गम स्थानों पर तैनात रहते है उनको इस स्मार्ट कपडे की वर्दी दी जाएगी जिससे उनकी लोकेशन हमेशा ट्रेस होती रहे।

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वहीं इस प्रोजेक्ट को लीड कर रहे उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान के डायरेक्टर डॉ मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि हमारा जो प्रोजेक्ट है वो स्मार्ट फैब्रिक का है जिसमे सेंसर्स लगे होंगे और ये हमारे देश की फ़ौज के जवानो के लिए होंगे। देश के सामने जो चुनौतियाँ है उन चुनौतियों का सामना करने के लिए हमारे संस्थान ने इस प्रोजेक्ट और शोध को किया है। इस प्रोजेक्ट से हम अपने सशस्त्र बलों को और अधिक शक्तिशाली बनाएंगे। हमारा संस्थान जवानो के लिए जैकेट और ड्रेस बनाएगा जिसमे सेंसर लगे होंगे ।

3 से 5 मीटर नीचे दबे होने पर भी करेगा काम…

युद्ध के दौरान घायल होने पर या किसी भी मुसीबत में होने पर प्लेन या हैलीकॉप्टर द्वारा उनकी लोकेशन ट्रेस का उनको मदद पहुँचाने में ड्रेस मददगार साबित होगी। बर्फीले क्षेत्रो में बर्फ के अंदर 3 से 5 मीटर बर्फ के नीचे दबे होने पर भी सेंसर काम करेगा। जवानो की वर्दी में लगे सेंसर्स की फ्रीक्वेंसी हमारी मशीनों पर सेट होंगी जिसे दुश्मन देश चाहकर भी नहीं देख पाएगा। केंद्र सरकार के एमएचआरडी का प्रोजेक्ट है तकनिकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम के तहत हमारे संस्थान को 10 करोड़ की ग्रान्ट मिली है इसी ग्रान्ट से इस प्रोजेक्ट को मैनेज कर रहे है।

यूपीटीटीआई के स्मार्ट फैब्रिक प्रोजेक्ट में असिस्ट कर रहे संस्थान के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर शुभम जोशी ने बताया जैसे प्लेन और हैलीकॉप्टर में ब्लैक बॉक्स होता है हमारा ये शोध जवानो की ड्रेस का ब्लैक बॉक्स होगा। सेंसर लगा फैब्रिक दुर्गम पहाड़ो पर ड्यूटी के दौरान लॉस हुए जवान की आखिरी लोकेशन की हिस्ट्री बता देगा जिससे उसको ढूंढने में अच्छी मदद मिलेगी। इन डिवाइस की एक लाइफ रहेगी ड्यूरेबिल्टी रहेगी की ये कितनी देर तक वर्किंग कंडीशन में रहेगी।

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