भ्रष्ट बीएसए का स्टेनो रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोचा गया !

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औरैया–भ्रष्ट जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शिवप्रसाद यादव को धन,गाड़ी,घर,नैतिक अनैतिक कृत्यों की सभी शौहरत सुविधाएँ उपलब्ध कराने वाले उनके स्टेनो- विनीत कुमार को लखनऊ से आई एंटी करप्शन टीम ने 20 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोचा।

दरअसल BSA शिवप्रसाद यादव ने दो निलम्बित अध्यापकों से उनकी बहाली करने के नाम पर 20 हजार की रिश्वत मांगी थी।जिसकी शिकायत पीड़ित शिक्षक ओमजी पोरवाल ने यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राठौर से की, प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राठौर की प्रेरणा से यूटा के जिलाध्यक्ष ओमजी पोरवाल(पीड़ित शिक्षक) ने लखनऊ में बेसिक शिक्षा मंत्री सहित  शासन और विजिलेंस व एंटी करप्शन के उच्चाधिकारियों से की।शिकायत की जांच के बाद एंटी करप्शन लखनऊ मुख्यालय से टीम गठित कर BSA और उसके कारखास बाबू  विनीत कुमार स्टेनो को रंगे हाथ गिरफ्तार करने की योजना तैयार की।

तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार पीड़ित शिक्षक ओमजी पोरवाल अपने दूसरे साथी शिक्षक देवेन्द्र प्रताप सिंह के साथ पहले से ही पाउडर लगे 20 हजार रुपए के नोट लेकर  BSA कार्यालय पहुंचे। BSA अपने स्टेनो को पैसे देने के लिये कह रखा था। जैसे ही निलम्बित शिक्षक ने 20 हजार के नोट स्टेनो विनीत कुमार को दिए, तत्काल ही कार्यालय के आस पास पहले से सिविल ड्रेस में घात लगाए बैठे एंटी करप्शन टीम के लोगों ने स्टेनो विनीत कुमार को रिश्वत के रुपयों के साथ रंगे हाथ दबोच लिया।

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जैसे ही एंटी करप्शन टीम ने भ्रष्ट बाबू विनीत कुमार को रिश्वत के नोटों के साथ दबोचा। तभी टीम के एक सदस्य ने कहा BSA भी बैठे हैं। ये बात उनके अर्दली ने सुन ली फिर क्या ; BSA शिवप्रसाद यादव और उनके पीछे पीछे उनका अर्दली बाउंड्री से कूदकर पैदल ही भाग लिये।

बता दें पीड़ित शिक्षक ओमजी पोरवाल और देवेन्द्र प्रताप सिंह को करीब 13 माह पहले गलत आरोपों में निलम्बित कर दिया था। विभागीय जांच में उक्त दोनों अध्यापकों को पूर्णतः निर्दोष साबित कर जांच रिपोर्ट अक्टूबर माह में जमा कर दी गयी थी, लेकिन 6 माह बीत जाने के बावजूद भी अभी तक उनकी बहाली नहीं की गयी। बीएसए द्वारा स्पष्ट कहा जा रहा था जब तक पैसे नहीं तब तक बहाली नहीं।

निलंबित शिक्षकों ने आरोप लगाया कि भ्रष्ट स्टेनो विनीत कुमार हर बीएसए की सुख सुविधाओं का इतना ख्याल रखता है कि वह उनका खास बनकर सभी प्रकार के कार्यों का ठेका लेता था, वर्तमान बीएसए के कारखास के रूप में पहचान रखने वाले बाबू का विभाग में BSA से अधिक जलवा रहता था, यहाँ तक कि खंड शिक्षा अधिकारी भी इस भ्रष्ट बाबू के पैर छूते नजर आते हैं।

बीएसए शिवप्रसाद यादव और उसके स्टेनो विनीत कुमार पर कई जनपदों में अथाह अचल संपत्ति की भी शिकायत एंटीकरप्शन में की गई है, जिसे लेकर टीम उनकी प्रोपर्टी के कागजात खंगाल कर उनके विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति की भी जांच करने की योजना में है।

(रिपोर्ट – वरुण गुप्ता , औरैया )

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