बाराबंकी — यूपी के बाराबंकी जिले के फिटनेस बॉक्स ट्रेनरो को जिले के अधिकारी सम्मनित करेंगे। हाल ही में पूरे उत्तर प्रदेश से बाराबंकी के इस फिटनेस बॉक्स को दिल्ली में सम्मानित किया जा चुका हैं।
वहीं बातचीत के दौरान जिम ट्रेनर मो असद साजिद , अनस साजिद ,तस्लीम व जफर साजिद ने बताया की उन लोगों का उद्देश्य हैं की लोगों को इस भागदौड़ की जिंदगी में फिट रहना बहुत जरूरी हैं।
असद साजिद ने बताया उन्होंने मात्र तीन दिन में एक अधिवक्ता को माउंट एवरेस्ट तक पहुचाने के लिए दिन रात मेहनत करवा उन्हें शरीर से बिल्कुल फिट कर दिया था जिनके बाद उन्हें दिल्ली में फ़िल्म एक्टर व फिटनेस आइकॉन साहिल खान व ऐथलीट एंड फिटनेस आइकॉन स्वेता राठौर ने बाराबंकी के फ़िटनेस बॉक्स जिम को वर्ष 2018 का यूपी का बेस्ट जिम अवार्ड दिया हैं। क्योंकि बाराबंकी के होनहारों ने एक युवक को फिट करके माउंट एवरेस्ट के बेस कैम्प पर पहुचाने में बड़ा योगदान दिया ।
दरअसल यूपी के बाराबंकी जिले में एक युवक द्वारा रिकार्ड तोड़ते हुए दुनिया के सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप पर अपना झंडा फहरा कर अपने जिले का नाम रोशन कर दिया हैं। हैरानी की बात यह हैं की ये सफर सिर्फ बहुत ही कम समय तीन दिन में तय किया गया हैं जिसमें सबसे बड़ा योगदान जिले के जिम ट्रेनर असद का हैं। जिन्होंने कड़ी मेहनत और बॉडी को फिट कर उन्हें इस काबिल बना दिया। आइये आपको मिलवाते हैं पर्वतारोही अधिकवक्ता सुजीत शाह और उनके जिम ट्रेनर असद से जिन्होंने हमारे न्यूज़ चैनल से बातचीत कर कई जरूरी बातें बताई हैं !
जिम में लगी मशीनों पर पसीना बहा रहे ये वही सुजीत शाह हैं जिन्होंने मात्र तीन दिन में दुनिया के सबसे ऊंचे शिखर माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप पर अधिवक्ताओं का झंडा फहरा एक मुकाम हाशिल कर भारत का नाम रोशन किया हैं। यूपी के बाराबंकी जिले से माउंट एवरेस्ट पर पहुचने वाले ये सबसे पहले अधिवक्ता हैं जिन्होंने बहुत ही कम उम्र में ये ऐतिहासिक काम को कर अपने एक रिकॉर्ड कायम किया हैं। लेकिन इन्हें यहां तक पहुचाने में जिम ट्रेनर असद साजिद का सबसे बड़ा योगदान रहा हैं जिन्होंने चुनौती को स्वीकार करते हुए सुजीत शाह को माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप तक पहुंचा दिया ।
वहीं बातचीत के दौरान असद ने बताया की 5364 किमी की दूरी तय करना और सबसे बड़ी समस्या सुजीत का फैट का होना एक सबसे बड़ी समस्या थी जिसके लिए असद ने अपने जिम में सुजीत को कड़ी मेहनत करवाते हुए उनके फैट को कम करवाया। मशीनों पर दौड़ने के समय सुजीत को कमजोरी भी बहुत महसूस हो रही थी जिससे एक और बड़ी समस्या माउंट एवरेस्ट तक पहुचने के लिए थी लेकिन सभी चुनौतियों को स्वीकार करते हुए असद ने सुजीत को इस क़ाबिल बना दिया की माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप पर बाराबंकी जिले का झंडा लहरा दिया।
(रिपोर्ट-हुमा हसन,बाराबंकी)