योगी सरकार अब यूपी के हर गांव में खोलेगी एक गोशाला

लखनऊ — सूबे में छुट्टा जानवरों की बढ़ती समस्याओं को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इससे निजात दिलाने के लिए और गोवंश संरक्षण की दिशा में बड़े बदलाव के लिए एक नई बनाई है.दरअसल योगी सरकार प्रदेश के गांव-गांव में गौशाला खोलने की तैयारी कर रही है. इसके लिए यूपी के तमाम गांव के प्रधानों से जरूरी जमीन ढूंढ़ने को भी कहा है.

 

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का गायों के प्रति प्रेम किसी से छुपा नहीं है.इसी को लेकर योगी सरकार की तैयारी उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर गोशाला शुरू करने की है. इसकी शुरुआत बुंदेलखंड से होगी. इसके लिए दो राउंड की मीटिंग भी हो चुकी है. गोशाला को लेकर ब्लूप्रिंट तैयार हो चुका है.

दरअसल योगी सरकार ने प्रदेश में गौवंश का सरंक्षण करने के लिए 25 जिलों में प्रोजैक्ट शुरू किया है. इसके तहत करीब 75 हजार से 1 लाख तक गौवंश का संरक्षण किया जाएगा.सरकार की योजना है कि हर पंचायत में एक गौशाला खोली जाए. इसके लिए स्थानीय स्तर पर कमेटियों को गठित कर उन्हें ही गायों की जिम्मेदारी भी दी जाएगी.प्रदेश सरकार की इस रणनीति का खुलासा रविवार को लखनऊ में विश्व हिन्दू परिषद के गौरक्षा अधिवेशन मंी खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया.

सीएम योगी ने कहा कि गाय को घर में बांधेंगे तो हमें और भी लाभ मिलेंगे. गाय माता दूध दे या न दे, पर गोबर और गौ-मूत्र तो देती है. हर चीज को हम सरकार के भरोसे छोड़ देते हैं. सीएम ने कहा कि सरकारी भूमि से सभी तरह के कब्जे हटाए जा रहे हैं. गौचर भूमि को संवर्धित और संरक्षित करेंगे.

सीएम ने कहा कि गाय के चारे और गौशाला की व्यवस्था स्थानीय कमेटियां लेंगीं. गौशाला बनाने में सरकार बुनियादी सुविधाएं देगी, पर जिम्मेदारी लेनी होगी. उन्होंने बताया कि पहले चरण में हमने 23 से 25 जनपद लिए हैं. इसमें 75 हजार से लेकर 1 लाख तक गौ वंश का संरक्षण हम करेंगे. स्थानीय स्तर पर कमेटियां बनेगी और लोगों की सहभागिता होगी. गौशाला को लेकर सर्वे करीब करीब पूरा हो चुका है. जल्द ही इन्हें खोलना शुरू कर दिया जाएगा.उन्होंने कहा कि ये गौशालाएं बुन्देलखंड जैसे क्षेत्रों के लिए वरदान साबित होंगीं. जहां लोग दूध न मिलने पर मवेशियों को छोड़ देते हैं या पानी की समस्या के कारण ऐसा करते हैं.

गौरतलब है कि बुंदेलखंड में जानवरों के लिए चारा बड़ी समस्या रही है. जब गाय दूध देना बंद कर देती है तो किसान उसे खुला छोड़ देता है. हर साल इसके चलते सैकड़ों गायें भूखी प्यासी दम तोड़ देती हैं. अब योगी सरकार की तैयारी बुंदेलखंड से गोशाला योजना शुरू करने की है लेकिन कहीं इसका हाल छत्तीसगढ़ के गोशाला जैसा ना हो जाए.

 

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