लखनऊ– वित्तविहीन स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर योगी सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। शिक्षा विभाग की तरफ से स्कूलों में फीस निर्धारण के लिए योजना बनाई गई है। मंगलवार को सीएम के सामने इसका प्रेजेंटेशन होगा। उसके बाद सीएम की तरफ से हरी झंडी मिलने पर प्रदेश के स्कूलों में इस नई योजना को लागू कर दिया जाएगा।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के डायरेक्टर अवध नरेश शर्मा के मुताबिक, ”अभी तक वित्तविहीन स्कूल हर साल 15-20 परसेंट तक फीस बढ़ा देते हैं, अब फीस निर्धारण से ही इसपर रोक लगाई जा सकेगी।” योजना के अनुसार, 20 हजार रु. से ज्यादा फीस वसूलने वाले स्कूलों में क्लास के हिसाब से फीस निर्धारित की जाएगी। यही नहीं, किताबों, यूनिफार्म और सह शैक्षणिक गतिविधियों के नाम पर वसूली जाने वाली राशि को भी कंट्रोल किया जाएगा। अब केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, यूपी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन से संबद्ध वित्तविहीन स्कूल मैक्सिमम 5 परसेंट तक फीस ही बढ़ा सकेंगे।
वित्तविहीन स्कूलों की मनमानी फीस वसूली के मंडल आयुक्त के यहां शिकायत होगी। मंडल आयुक्त की अध्यक्षता में गठित कमेटी शिकायत की जांच करेगी और दोषी पाए जाने पर स्कूल पर एक लाख रु. का जुर्माना लगेगा। इसके साथ ही वसूली गई ज्यादा फीस लौटानी होगी। दूसरी बार दोषी पाए जाने पर फीस लौटाने के साथ स्कूल पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। तीसरी बार दोषी पाए जाने पर स्कूल पर 5 लाख रु. का जुर्माना लगाने के साथ उनकी मान्यता रद्द करने के लिए संबंधित बोर्ड से सिफारिश की जाएगी।