लखनऊ — मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में हुई कैबिनेट बैठक में ग्रेटर नोएडा में प्रस्तावित बाबा रामदेव के पतंजलि मेगा फूड पार्क को हरी झंडी देते हुए भूमि हस्तांतरण को मंजूरी दे दी।
वहीं कैबिनेट मंत्री तथा प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि आज बैठक में बाबा रामदेव के मेगा फूड पार्क को ग्रेटर नोएडा में जमीन देने के साथ ही 11 प्रस्तावों पर कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी है।
सरकार बाबा रामदेव के प्रतिष्ठान पतंजलि मेगा फूड पार्क को ग्रेटर नोएडा में जमीन देगी। इसमें बड़ा निवेश होगा, जिससे दस हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। पतंजलि आयुर्वेद में पतंजलि मेगा फूड पार्क भी शामिल किया गया है। इसके साथ ही प्रदेश के औद्योगिक विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों का एक दूसरे प्राधिकरण में हो तबादला करने के प्रस्ताव पर जी सहमति जताई गई।
कैबिनेट बैठक में यूपीएसआईडीसी का यूपीसीडा में विलय को हरी झंडी दी गई। इसके बाद ही वाराणसी में काशी विश्वनाथ विशिषी विकास परिषद का गठन भी होगा। अब यह परिषद ही मंदिर क्षेत्र का विकास करेगा। प्रदेश सरकार ने इस प्रस्ताव पर भी सहमति जता दी है।
गौरतलब है कि यूपी के ग्रेटर नोएडा में प्रस्तावित पतंजलि फूड पार्क को राज्य से बाहर ले जाने की धमकी के बाद यूपी सरकार हरकत में आई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में खुद हस्तक्षेप करते हुए मामले को बढ़ने से रोका था और जल्द ही कैबिनेट में पास करवाने का आश्वासन दिया था।
दरअसल, सरकार ने पतंजलि आयुर्वेद कंपनी को यमुना एक्सप्रेस-वे पर 465 एकड़ जमीन फूड और हर्बल पार्क की स्थापना के लिए दी थी। पतंजलि की ओर से यमुना एक्सप्रेस वे अथारिटी को इस जमीन में से 50 एकड़ जमीन केंद्र की योजना के अनुसार फूड पार्क के लिए ट्रांसफर करने का आग्रह किया था।
चूंकि कंपनी को जमीन का आवंटन कैबिनेट से हुआ था, इसलिए उससे किसी हिस्से का अलग हस्तांतरण भी कैबिनेट से ही हो सकता है।इससे पहले, आचार्य बालकृष्ण ने यह कहकर हड़कंप मचा दिया था कि प्रदेश सरकार की उदासीनता के कारण केंद्र सरकार ने मेगा प्रोजेक्ट रद्द कर दिया है।यह भी कहा कि पतंजलि ने प्रोजेक्ट को अलग राज्य में ले जाने का फैसला कर लिया है।