योगी के दरबार में नहीं मिला फरियादी को इंसाफ, धक्के मारकर निकाला बाहर 

न्यूज डेस्क — यूपी में हर वर्ग के लिए न्याय और कानून व्यवस्था दुरूस्त रखने का दावा करने वाले योगी सरकार इस समय सवालों के घेरे में हैं. आरोप है कि उनके जनता दरबार में आए एक फरियादी को धक्का मारकर बाहर निकाल दिया गया.

दरअसल लखनऊ से आए आयुष सिंघल नाम के शख्स ने आरोप लगाया कि जब वे अपनी फरियाद ले कर योगी के जनता दरबार में गए तो उन्होंने उसकी बात सुनने के बजाय फरियादी की फाइल फेंक कर धक्का दिया और बाहर जाने को कह दिया. बता दें कि मंगलवार को गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री पूजा-अर्चना और गो-सेवा करने के बाद योगी ने जनता दरबार लगाया था. इस दरबार में पूरे प्रदेश से कई फरियादी अपनी मांग लेकर आए हुए थे.

वहीं लखनऊ के चंद्रलोक कॉलोनी के रहने वाले आयुष सिंघल 28 फरवरी को भी योगी के जनता दरबार में फरियाद लेकर पहुंचे थे. लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण वे आज फिर जनता दरबार में पहुंचे. उनका आरोप है कि लखनऊ के पपनामऊ चिनहट में उनकी 22.5 बीघा जमीन मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे अमरमणि त्रिपाठी और उनके विधायक पुत्र अमनमणि त्रिपाठी ने कब्जा कर ली है. अमरमणि त्रिपाठी लक्ष्मींपुर नौतनवां महराजगंज जिले का पूर्व विधायक भी है.

इसी मांग को लेकर सिंघल गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री के जनता दरबार में पहुंचे थे लेकिन उन्हें बड़ी निराशा हाथ लगी और अपमानित भी होना पड़ा. सिंघल जनता दरबार से बाहर निकलकर रो रहे थे. उन्होंने बताया कि जब वे अंदर गए और सीएम योगी आदित्यनाथ से अमनमणि त्रिपाठी द्वारा जमीन कब्जा करने की बात कही तो उन्होंने फाइल को  घुमाकर फेंका और धकेलकर बाहर निकलवा दिया. सिंघल ने ये भी आरोप लगाया कि योगी ने उनसे कहा कि तुम्हारी कभी कोई कार्रवाई नहीं होगी.

इससे दुखी सिंघल ने योगी के दरबार से बाहर निकलकर मीडिया के सामने अपनी आपबीती सुनाई. उन्होंने बताया कि किस तरह से अमनमणि के लोग उसे जमीन पर जाने नहीं देते हैं. जब भी वो अपनी जमीन पर जाते हैं तो उन्हे जान से मारने की धमकी देकर भगा दिया जाता है. सिंघल ने बताया कि उन्होंने कई बार इसकी शिकायत भी की है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.पीडित आयुष ने बताया कि साल 2012 में उन्होंने 22.5 बीघा जमीन 6 करोड़ रुपए में खरीदी थी.

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