उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लॉकडाउन के दौरान आम जनता पर दर्ज हुए मुकदमों को वापस लेने का ऐलान किया है। सीएम योगी के इस सराहनीय फैसले को लेकर हर तरफ चर्चा है।
बता दें कि कोरोना वायरस के कारण किए गए लॉकडाउन में करीब ढाई लाख मुकदमे दर्ज हुए थे। अब सीएम योगी के इस फैसले से लोगों को काफी राहत मिली है।
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करीब ढाई लाख मुकदमे हुए थे दर्ज
सीएम योगी ने कहा कि कोरोना वायरस के नियंत्रण को लेकर लॉकडाउन लगाया गया था। लॉकडाउन के दौरान कोरोन गाइड लाइन का उल्लंघन करने वालों को पकड़ कर पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज किए थे। सीएम ने कहा कि आम जनता पर करीब ढाई लाख मुकदमे दर्ज किए थे जिन्हें अब वापस लिया जाएगा।
हालांकि इससे पहले योगी सरकार कोरोना गाइड लाइन का पालन न करने और लॉकडाउन तोड़ने को लेकर व्यापारियों पर दर्ज मुकदमे हटाने का भी ऐलान कर चुकी है।
नहीं लगाने होंगे कोर्ट- कचहरी के चक्कर
सीएम योगी इस फैसले के बाद लोगों को अब कोर्ट-कचहरी के झंझट से छुटकारा मिल गया है। इससे पहले यूपी सरकार प्रदेशभर के व्यापारियों पर भी कोविड-19 और लॉकडाउन तोड़ने को लेकर दर्ज किए गए मुकदमे वापस ले चुकी है। तभी से सरकार आम जनता पर भी दर्ज मुकदमे वापस लेने का विचार कर रही थी।
मुकदमे वापस लेने वाला पहला राज्या यूपी
कोविड-19 प्रोटोकॉल और लॉकडाउन उल्लंघन के मुकदमे वापस लेने की घोषणा करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है। अब आम जनता पर दर्ज मुकदमे वापस लेने के फैसले के बाद भी यूपी पहले पायदान पर पहुंच गया है।
योगी सरकार मुकदमे वापस लेने के साथ ही व्यापारियों को भविष्य में ऐसी स्थितियों में विशेष एहतियात बरतने की चेतावनी भी दे चुकी है। इन मुकदमों की वापसी से पुलिस और न्यायालय से भी बोझ कम होगा और उन्हें आवश्यक चीजों की जांच के लिए मौका मिल सकेगा।
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