लखनऊ– यूपी के वन और पर्यावरण विभाग ने पूरे प्रदेश में पराली जलाने पर रोक लगा दी है। पर्यावरण विभाग के एक आदेश में सभी जिलों के डीएम को आदेश जारी किया गया है कि अपने जिलों के हालातों को देखते हुए स्पेशल डिसीजन लें, जिससे जहरीली हवा के संकट से निपटा जाए। इससे पहले यूपी को राहत दिलाने के लिए आठ प्वाइंट्स पर योगी सरकार ने एडवाइजरी जारी की थी।
इसके बाद गुरुवार को भी पर्यावरण विभाग ने अधिकारियों के साथ बैठक की और एनजीटी के आदेश के मद्देनजर में फैसला लिया कि फिलहाल प्रदूषण फैलाने वाली सभी एक्टिविटीज पर रोक लगा दी जाए।
1. पराली जलाने पर लगाई जाए रोक।
2. NCR में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल गाड़ियों पर रोक लगे।
3. सभी निर्माण कार्य पर रोक लगाई जाए। हालांकि इस दौरान मजदूरों को उनकी दिहाड़ी मिलती रहेगी।
4. हॉट मिक्स प्लांट, धुआं निकालने वाली सभी इंडस्ट्रियल यूनिट, बिल्डिंग मैटेरियल की ढुलाई, खनन और सड़कों का निर्माण अगले आदेश तक बंद किया जाए।
5. पर्यावरण विभाग ने आदेश दिए हैं कि NCR में पानी का छिड़काव नियमित तौर पर किया जाए।
पराली को जलाने की नौबत इस वजह से आ रही है कि अब फसल की कटाई हारवेस्टर(बड़ी मशीनों) से हो रही है। यह धान और गेहूं के पौधों को ऊपर-ऊपर से काटता है। इससे एक-डेढ़ फुट तक के ठूंठ रह जाते हैं, जिसे पराली कहते हैं। किसानों अगली का बुवाई से पहले इसमें आग लगा देते हैं। इसकी राख तो मिट्टी में मिल जाती है, लेकिन धुआं स्मॉग के तौर पर इकट्ठा हो जाता है। पहले हाथ से होने वाली कटाई के दौरान ठूंठ भी निकल जाती थी।