यूपी की योगी सरकार ने मुसलामानों को बड़ा तोहफा देते हुए माह-ए-मोहर्रम में ताजिया निकालने पर लगी पाबंदी को हटा दिया है। साथ ही मजलिस करने की इजाजत भी दे दी है, लेकिन उसके लिए शर्त रखी गई है। शर्त यह है कि मजिलस में सिर्फ पांच लोग ही शामिल हो सकेंगे। इसी के साथ ही मोहर्म को लेकर यूपी सरकार ने नई गाइड लाइन जारी की है।
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मौलाना कल्बे जवाद ने दिया था धरना
दरअसल मुहर्रम में घर पर ताजिया रखकर अजादारी करने की शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद नकवी की मांग को प्रदेश सरकार ने शनिवार देर रात मान लिया। इसकी जानकारी के बाद मौलाना ने देर रात धरना समाप्त कर दिया। मालूम हो कि कोरोना के चलते मोहर्रम में अजादारी पर पाबंदी के विरोध में आसिफी मस्जिद के इमामे जुमा मौलाना कल्बे जवाद की अगुवाई में शिया धर्म गुरुओं ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया था।
नई गाइड लाइन
मौलाना के प्रतिनिधि शमील शम्शी ने बताया कि सरकार ने राजधानी समेत पूरे प्रदेश में अजादारी करने की पाबंदी को हटा दिया है। घर में ताजिया रखने पर हुई एफआईआर को भी वापस करने का आश्वासन दिया है। मजलिस मेें अभी पांच लोग ही मौजूद रहेंगे। इसके अलावा सड़क और चौक पर ताजिये नहीं रखे जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि यौमे आशूर में ताजियों के दफनाने को लेकर बाद में फैसला लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि परेशानी होने पर जिले के पुलिस विभाग के मुखिया से शिकायत कर सकते हैं।
मौलाना से मिले डीसीपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी
बता दें कि इससे पहले अजादारी पर पाबंदी के विरोध में मौलाना कल्बे जवाद की अगुवाई में शिया धर्म गुरुओं ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया था। मौलाना ने आरोप लगाया था कि पुलिस घरों में भी ताजिया नहीं रखने दे रही है। इस तरह का अत्याचार बंद न हुआ तो गिरफ्तारी देंगे। इस दौरान पश्चिम डीसीपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी भी कल्बे जवाद से मिलने पहुंचे थे।
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