उत्तर प्रदेश सरकार ने करीब 850 राज्य विधि अधिकारियों यानी सरकारी वकीलों को हटा दिया है. यूपी सरकार ने आदेश जारी कर कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में नियुक्त किए गए 841 सरकारी वकीलों की सेवाएं खत्म कर दी गई हैं. प्रयागराज में जहां इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रधान पीठ से 505 राज्य विधि अधिकारी हटाए गए, वहीं हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से हुई 336 सरकारी वकीलों की छुट्टी हो गई है. हालांकि, किन वजहों से इन वकीलों पर गाज गिरी है, इसका कारण सामने नहीं आया है.
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राज्य के विधि एवं न्याय विभाग के विशेष सचिव निकुंज मित्तल की तरफ से यह आदेश जारी किया गया. इस आदेश के मुताबिक, इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपर महाधिवक्ता विनोद कांत को भी हटा दिया गया है. साथ ही प्रधान पीठ प्रयागराज में 26 अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता हटा दिए गए हैं. इतना ही नहीं, 179 स्थाई अधिवक्ताओं की भी छुट्टी हो गई है, जबकि 111 ब्रीफ होल्डर सिविल की सेवाएं समाप्त हुई हैं. क्रिमिनल साइड के 141 ब्रीफ होल्डर हटाए गए, जबकि 47 अपर शासकीय अधिवक्ताओं की भी छुट्टी हुई है.
आदेश के मुताबिक, वहीं लखनऊ बेंच के दो चीफ स्टैंडिंग काउंसिल की सेवा समाप्त कर दी गई है. साथ ही 33 एडिशनल गवर्नमेंट एडवोकेट भी हटा दिए गए हैं. लखनऊ बेंच के क्रिमिनल साइड के 66 ब्रीफ होल्डर को भी हटा दिया गया है. इसके अलावा, 176 सिविल ब्रीफ होल्डर को तत्काल प्रभाव से हटाया गया है. आदेश में 59 एडिशनल चीफ स्टैंडिंग काउंसिल व स्टैंडिंग काउंसिल को भी हटाने की बात है.
बताया जा रहा है कि जारी किए गए ऑर्डर लेटर में हटाए जाने की वजह का कोई जिक्र नहीं किया गया है, मगर सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने परफॉर्मेंस के आधार पर इन सभी की सेवाएं खत्म की है. माना जा रहा है कि इन पदों पर अब जल्द ही दूसरे वकीलों की नियुक्ति की जाएगी. नई नियुक्तियों के जरिए ही अब सरकार नए वकीलों को साधने की कोशिश करेगी.
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