लखनऊ: कोरोना संकट में उत्तर प्रदेश में रोजगार को बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगे बढ़कर सामने आ रहे है। एक तरफ जहां बड़े स्तर पर बाहर से आए मजदूरों व कामगारों की स्किलिंग कराकर सरकार उन्हें उनके हुनर के हिसाब से रोजगार दिलाने का कार्य कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ कैसे इन मजदूरों के माध्यम से ‘हर हाथ को काम, हर घर में रोजगार’ भी दे रही है।
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स्किल मैपिंग से हुनरमंद कामगारों को उनके मुताबिक काम मिल सकेगा। इसके लिए सरकार अभी तक लगभग 32 लाख से अधिक श्रमिकों व कामगारों की स्किल मैंपिंग करा चुकी है। इस कड़ी में अब तक सरकार ने 4 औद्योगिक संस्थानों (फिक्की, आईआईए (इंडियन इंड्स्ट्रीज एसोसिएशन), लघु उद्योग भारती और नारेडको) के साथ एमओयू साइन किए हैं, इसके तहत 11 लाख श्रमिक व कामगारों को स्थानीय स्तर पर रोजगार दिया जाएगा। इसके अलावा योगी सरकार अब तक 4.50 लाख मजदूरों को मनरेगा के तहत प्रदेश में कार्य दे रही है।
प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन के दौरान स्वयं सहायता समूहों की मदद से प्रदेश में मास्क, सेनिटाइजर व पीपीई किट बनवाई। प्रदेश में अब तक कुल 360187 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है। ऐसे में बाहर से आए मजदूरों व कामगारों को इनसे भी जोड़ते हुए करीब 29, 254 महिलाओं को रोजगार दिया गया है। वहीं कुछ जिले ऐसे भी हैं जहां सबसे ज्यादा प्रवासी महिलाओं को रोजगार से जोड़ा गया है। आगरा में 1615, गोरखपुर में 1573, हमीरपुर में 1012, मथुरा में 3102, मुरादाबाद में 2781, प्रयागराज में 2038 महिलाओं को रोजगार दिया गया है।
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लिहाजा योगी सरकार बाहर से आए 17 लाख मजदूरों व कामगारों को रोजगार देने का खाका तैयार कर चुकी है। जो दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। जाहिर से योगी सरकार की मंशा और समय पर लिए गए फैसलों का ही नतीजा है कि आज प्रदेश नए रोजगार सृजित करने में कामयाबी हासिल कर रहा है।