UP Cabinet Meeting, लखनऊः यूपी की योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath) सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। खबर है कि सीएम योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल कर सकते हैं। इसके अलावा भाजपा प्रदेश संगठन में भी बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। हालांकि ये बदलाव विधानसभा उपचुनाव के बाद हो सकते हैं। सूत्रों की मानो तो यह भी है कि यूपी में सीएम चेहरे में कोई बदलाव नहीं होगा।
केशव-नड्डा की मुलाकात के बाद हलचल तेज
दरअसल लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की कई सीटों पर मिली हार के बाद भाजपा (BJP) के भीतर रस्साकशी और मंथन जारी है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) बार-बार परोक्ष रूप से यह बात उठा रहे हैं कि प्रदेश में पार्टी और सरकार के भीतर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है, अब केशव प्रसाद मौर्य के बयान इसी ओर इशारा कर रहे हैं। मंगलवार को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। हालांकि मौर्य ने इसके लेकर मीडिया के सामने कोई टिप्पणी भी नहीं की। लेकिन एक बार फिर सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच तलवारें खिंचती नजर आ रही हैं।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले बीजेपी के अंदर काफी मंथन चल रहा है। बीजेपी में ये हलचल दरअसल हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के बाद हो रही है, जहां पार्टी को उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिली थी। इसके बाद से ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बयान और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से उनकी मुलाकात ने उत्तर प्रदेश की सियासत की गर्मी बढ़ा दी है।
इस तरह शुरू हुई दोनों के बीच कलह
उल्लेखनीय है कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) बड़े नेताओं में से एक माना जाता है। साल 2016 में उन्हें उत्तर प्रदेश बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। फिर पार्टी ने उनके नेतृत्व में 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ा और बड़ी जीत हासिल की। इस जीत के बाद उनका नाम मुख्यमंत्री की रेस में भी था। लेकिन तब योगी आदित्यनाथ ने बाजी मार ली थी।
जानकारों का मानना है कि यहीं से दोनों के बीच कलह शुरू हुई थी। जो आज भी समय-समय पर सामने आती रहती है। इस बार उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सबसे बड़ा झटका लगा है। 2019 में 80 में से 62 सीटें जीतने वाली बीजेपी इस बार सिर्फ 33 सीटें पर ही सिमट गई। पार्टी और योगी सरकार के लिए यह अप्रत्याशित हार थी, क्योंकि बीजेपी इस राज्य को लेकर बहुत आश्वस्त थी।
योगी ने उपचुनाव पर किया मंथन
यूपी विधानसभा उपचुनाव को लेकर लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास 5, कालिदास मार्ग पर बैठक हुई। इसमें सीएम ने मंत्रियों से उपचुनाव की तैयारियों को लेकर फीडबैक लिया और आगे की रणनीति पर विचार किया गया। इससे पहले 30 जून को हुई बैठक में सीएम योगी ने उपचुनाव के लिए 15 मंत्रियों की तैनाती की थी। सीएम ने प्रत्याशी के चयन के लिए टीम बनाई थी। सभी सीटों पर 2-2 मंत्रियों की तैनाती की गई थी और उन्हें जमीनी हालात की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपने के निर्देश दिए गए थे।
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