पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम, देश में नहीं दुनियाभर में यह प्रदेश अपनी ईमानदारी के लिए जाना जाता है। कहते हैं कि घरों में यहां ताले नहीं लगते और दुकानदार दुकान खुली छोड़कर चले जाते हैं, फिर भी चोरी नहीं होती। मगर मिजोरम एड्स जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में सबसे ज्यादा एचआईवी एड्स के मामले इसी राज्य से हैं।
ये भी पढ़ें..Afghanistan: नमाज के दौरान मदरसे में विस्फोट, 18 बच्चों की मौत, 27 से ज्यादा घायल
विश्व एड्स दिवस के मौके पर मिजोरम राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी (एमएसएसीएस) के अधिकारियों ने आंकड़े जारी करते हुए बताया कि राज्य में 17,897 मामले एड्स के सामने आए हैं। देश के सबसे कम जनसंख्या वाले राज्यों में शामिल मिजोरम में एचआईवी के लिए 25-34 उम्र वर्ग में 42 प्रतिशत से अधिक के जांच नतीजे सकारात्मक रहे।
ढाई हजार से ज्यादा नए मामले
अधिकारियों ने बताया कि 2018-19 में एचआईवी के 2,557 नए मामले सामने आए। राज्य की महज दस लाख आबादी को देखते हुए यह बहुत अधिक संख्या है। एचआईवी के कुल मरीजों में 6,069 महिलाएं हैं। वित्त वर्ष 2021-2022 के दौरान, 2020-2021 में 1,900 और 2019-2020 में 2,338 के मुकाबले कम से कम 1,620 लोगों में एड्स का पता चला था। राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष डॉ. जेडआर. बैठक में मौजूद थियामसांगा ने कहा कि राज्य में करीब 65 फीसदी एचआईवी पॉजिटिव मामले यौन संचारित होते हैं, जबकि करीब 32 फीसदी मामले नसों में दवा लेने वालों द्वारा सुई साझा करने से होते हैं।
हर रोज नौ लोग हो रहे ग्रस्त
एक अधिकारी ने बताया कि पहले मादक द्रव्यों के आदी लोगों और यौन कर्मियों के बीच एचआईवी संक्रमण की दर ज्यादा थी। मगर अब अन्य तबके में भी ऐसे मामले बढ़े हैं। अधिकारियों ने ईसाई बहुलता वाले इस राज्य में समस्या से निबटने के लिए नेताओं, नागरिक संस्थाओं के सदस्यों और चर्चों से सहयोग मांगा है। आंकड़ों के मुताबिक हर रोज औसतन नौ लोग इस बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं।
ये भी पढ़ें.नम्रता मल्ला की हॉट क्लिप ने बढ़ाया सोशल मीडिया का पारा, बेली डांस कर लूट ली महफिल
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं…)