Women Reservation Bill 2023 : संसद के विशेष सत्र के दौरान महिला आरक्षण विधेयक 2023 लोकसभा और राज्यसभा में पारित होने के बाद अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी अपने हस्ताक्षर कर दिए हैं। जिसके बाद अब यह विधेयक कानून बन गया है। दरअसल हाल ही में खत्म हुए संसद के विशेष सत्र के दौरान मोदी सरकार की ओर से इस बिल को संसद की पटल पर रखा गया था।
बिल पर चर्चा के बाद दोनों सदनों की मंजूरी भी मिल गई थी जिसके बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया गया था। जिसे अब राष्ट्रपति ने भी मंजूरी दे दी है। वहीं राष्ट्रपति की अनुमति के बाद भारत सरकार ने शुक्रवार को महिला आरक्षण विधेयक 2023 को लेकर गजट अधिसूचना जारी कर दी। अब यह विधेयक कानून बन गया है।
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33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए होगी आरक्षित
गौरतलब है कि देश में लोकसभा, विधानसभा और नगर पंचायत समेत सभी चुनावों में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित की जाएंगी। महिला आरक्षण विधेयक 2023 के कानून बनने के बाद चुनावों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी। संसद के विशेष सत्र के दौरान लोकसभा में वोटिंग के जरिए महिला आरक्षण बिल पास हो गया। इस दौरान एआईएमआईएम के सिर्फ दो सांसदों ने इस बिल के खिलाफ वोट किया था।
वहीं, राज्यसभा में विपक्ष में किसी ने वोट नहीं किया। राज्यसभा के सभी सदस्यों ने महिला आरक्षण विधेयक (महिला आरक्षण विधेयक 2023) के पक्ष में वोट किया था। इसके बाद राज्यसभा में भी नारी शक्ति वंदन कानून सर्वसम्मति से पारित हो गया। अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस बिल को मंजूरी दे दी है। केंद्र की मोदी सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। अब महिला आरक्षण विधेयक या नारी शक्ति वंदन अधिनियम कानून बन गया है।
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