न्यूज डेस्क — 2016 में नोटबंदी के बाद सरकार ने 2000 रुपये का नया नोट जारी किया था.लेकिन कुछ महीनों से बाजार में 2000 रुपये के नोट कम होते जा रहे हैं.
सरकारी सूत्रों की मानें तो 2000 रुपये के नए नोट अब बहुत कम छापे जा रहे हैं. जिस तरह से अचानक चलन में 2000 रुपये के नोट कम होते जा रहे थे उससे लोगों में मन सवाल तो उठ ही रहे थे.
बता दें, सरकार ने आठ नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से हटा दिया था. उसके बाद रिजर्व बैंक ने 500 के नए नोट के साथ 2,000 रुपये का भी नोट जारी किया. वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रिजर्व बैंक और सरकार समय समय पर करेंसी की छपाई की मात्रा पर फैसला करते हैं. इसका फैसला चलन में मुद्रा की मौजूदगी के हिसाब से किया जाता है.
दरअसल जिस समय 2000 का नोट जारी किया गया था उस वक्त यह फैसला किया गया था कि धीरे-धीरे इसकी छपाई को कम किया जाएगा. 2000 के नोट को जारी करने का एकमात्र मकसद प्रणाली में त्वरित नकदी उपलब्ध कराना था. अधिकारी ने बताया कि 2000 के नोटों की छपाई काफी कम कर दी गई है. 2000 के नोटों की छपाई को न्यूनतम स्तर पर लाने का फैसला किया गया है.
गौरतलब है कि रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार मार्च, 2017 के अंत तक 328.5 करोड़ इकाई 2000 के नोट चलन में थे. 31 मार्च, 2018 के अंत तक इन नोटों की संख्या मामूली बढ़कर 336.3 करोड़ इकाई पर पहुंच गई. मार्च 2018 के अंत तक कुल 18,037 अरब रुपये की करेंसी चलन में थी, इनमें 2000 के नोटों का हिस्सा घटकर 37.3 प्रतिशत रह गया.