लखनऊ — राजधानी लखनऊ के प्राणी उद्यान में मंगलवार को एक नए सदस्य की एंट्री हुई है।इसकी के साथ की जू के स्टार सफेद युवा बाघ जय को जीवन संगिनी भी मिल गई है।
दरअसल दिल्ली से युवा सफेद बाघिन गीता को लखनऊ जू लाया गया है। लगभग चार साल की गीता आने वाले दिनों में जय से जोड़ा बनाएगी। उसे दिल्ली भेजे गए युवा बाघ विजय के स्थान पर जू प्रशासन ने बाघिन को उसके बाड़े में शिफ्ट किया। जय के भाई विजय को एक दिन पहले ही दिल्ली जू भेजा गया था।
दिल्ली से लगभग 8 घंटों से अधिक का सफर तय कर यहां पहुंची बाघिन गीता को बाघ विजय का पुराना कमरा दिया गया है। गीता को उसी कमरे में भेजा गया है। जू प्रशासन ने जय-विजय के बचपन के तालाब को भी गीता को आवंटित किया है। गीता के आने से पहले दिन भर मुख्य कीपर मुबारक की निगरानी में दो दिनों में स्टाफ ने पूल की सफाई की और उसे पानी से लबालब भरा।
बता दें कि बाघिन गीता को लखनऊ चिड़ियाघर के वन्यजीव चिकित्सक डॉ. अशोक, डॉ. बृजेन्द्र, आरिफ, बब्लू, महेश, बलराम, हसन की टीम दिल्ली से लेकर आई है। हालांकि बाघिन को अभी कुछ दिनाें तक दर्शकों से दूर रखने की योजना है।
वहीं निदेशक आरके सिंह ने बताया कि वन्यजीव विनिमय प्रोग्राम के तहत बाघिन गीता को बाघ विजय के बदले लाया गया है। यात्रा के बाद वह फिलहाल स्वस्थ व सक्रिय है। अभी इसको छोटे बाड़े में रखा गया है,ताकि वह इस नए वातावरण में अपने को व्यवस्थित कर सके। कुछ समय बाद जब उसका व्यवहार सामान्य हो जाएगा तो उसे दर्शकों के लिए बड़े बाड़े में छोड़ा जाएगा। बाघिन की सक्रियता और स्टाफ के प्रति उसके रिएक्शन को देखते हुए ये समय 4-5 दिन का भी हो सकता है।
आपको बता दें कि बाघिन गीता दिल्ली के उस चर्चित बाघ विजय की ही संतान है, जिसने कुछ साल पहले बाड़े में गलती से गिरे युवक की जान ले ली थी। यह संयोग ही है कि युवा बाघिन को लखनऊ जू के दो युवा सफेद बाघों में से एक विजय के बदले लाया गया है। दिल्ली जू को जय-विजय में से विजय ही पसंद आया।