नई दिल्ली– संसद हमले की 16वी बरसी पर सभी राजनेता कल संसद में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए मौजूद रहे। यहां सभी दलों के धुर – विरोधियों के बीच एक अलग ही नजारा देखने को मिला। गुजरात विधानसभा में एक दिन पहले एक दूसरे पर जुबानी तीर छोड़ रहे पीएम नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष चुने गए राहुल गांधी बुधवार को ‘एकजुट’ थे।
केवल मोदी और राहुल ही नहीं बल्कि सरकार और विपक्ष, दोनों में ही एकता नजर आई।
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बुधवार को संसद में एक ऐसा वक्त आया जब कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का हाथ पकड़ना पड़ा। संसद हमले में शहीद हुए बहादुरों को श्रद्धांजलि देने के क्रम में सबसे पहले उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू के बाद लोकसभा स्पीकर समित्रा महाजन आगे बढ़ी। उनके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्राधनमंत्री मनमोहन सिंह आगे बढ़े। इस मौके पर भाजपा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी जब पहुंचे तो उनके खड़े होने की जगह ही नहीं थी। ऐसे में वह किनारे जाकर खड़े हो गए। यह देखते ही सोनिया गांधी के पीछे खड़े राहुल गांधी एकदम से बाहर आए और आडवाणी को पकड़कर ले जाने लगे और उन्हें उचित स्थान दिलवाया।
हालांकि यह देखते ही भाजपा के बाकी नेता भी सक्रिय हो गए और लालकृष्ण आडवाणी को जगह दिलाने के लिए कोशिश करते नजर आए। राहुल और लालकृष्ण आडवाणी के बीच इस तरह की नजदीकी कोई नई बात नहीं है। संसद में भी कई बार दोनों को एक-दूसरे के अगल-बगल बैठ बातें कर ठहाके लगाते देखा जाता रहा है। बता दें कि 16 साल पहले आज ही के दिन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने भारत की संसद पर हमला किया था।