एटा– शहीद की शहादत के समय सरकार द्धारा की गई घोषणाओं पर प्रशासनिक अमला कितना गंभीर है इसका ताजा मामला एटा में सामनें आया है।
पूरा मामला एटा जनपद के थाना बागवाला क्षेत्र के कासौन गॉंव के रहने वाले नीरेश बाबू यादव पिछले साल एक फरवरी को कारगिल के द्रास सैक्टर में शहीद हो गये थे। उनकी शहादत के बाद सेना के वरिष्ठ अधिकारियों, सरकार के नुमाइन्दों और स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने दुख की उस घड़ी में उन्हें काफी ढाढस बंधाया था और सरकार की तरफ से किये गये वायदों को जल्द से जल्द पूरा करने का वायदा भी किया था।
उन्हीं वायदों के तहत कासौन गॉंव में स्थानीय प्रशासन द्धारा शहीद नीरेश बाबू के समाधि स्थल के निर्माण के लिए एक हजार वर्ग मीटर जमीन भी तत्कालीन डीएम अमित किशोर ने उपलब्ध करवा दी थी लेकिन नतीजा ढांक के तीन पात ही रहा और साल भर बाद जब प्रशासन द्धारा समाधि स्थल का निर्माण कार्य नहीं करवाया गया तो शहीद परिवार ने पहल करते हुए खुद ही निर्माण कराने के लिए आगे बढ़ा तो तत्कालीन डीएम द्धारा उपलब्ध कराई गई जमीन को दूसरी पंचायत और वृक्षारोपण के लिए पट्टा दिये जाने की बात कह निर्माण कार्य रुकवा दिया। शहीद परिवार का आरोप है कि इस दौरान तहसीलदार द्धारा निर्माण कार्य को रोके जाने के दौरान शहीद की पत्नी व उनके परिवार के साथ जमकर अभद्रता की गई।
शहीद स्थल को लेकर स्थानीय प्रशासनिक अमले द्धारा लगातार की जा रही उपेक्षा से शहीद परिवार और स्थानीय ग्रामीणों में भारी रोष है। देश के लिए कुर्बान होने वाले हमारे जांबाजों के प्रति सरकारी मशीनरी द्धारा किये जा रहे बर्ताव से भी आक्रोश है। पिछले एक साल से अधिकारियों के चक्कर लगा रहा शहीद परिवार हाले-बेहाल है। अपने शहीद पति के समाधि स्थल जल्द न बनने पर उनकी पत्नी ने सुसाईड तक किये जाने की बात कही है तो वहीं एटा में निरीक्षण करने पहुंचे अलीगढ़ के मंडलायुक्त अलीगढ़ अजयदीप ने पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए शहीद परिवार को भरोसा दिलाया कि उनके साथ न्याय ही होगा।
(रिपोर्ट- आर. बी. द्विवेदी , एटा )