लखनऊ– राजधानी लखनऊ स्थित आदर्श कारागार कम दामों में कार्ड छपवाने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ भारत अभियान के हित में भी अपना योगदान दे रहा है।
दरअसल, गोसाईंगंज में बनी आदर्श कारागार प्रदेश की इकलौती ऐसी जेल है, जहां सरकारी कार्यालयों में इस्तेमाल से बाहर हो चुके रद्दी कागज को मंगवाया जाता है और फिर उसे नया रूप देकर पुनः कार्यालयों में उपयोग के लिए भेजा जाता है। जेल अधीक्षक आरएन पाण्डेय कहते हैं कि यह प्रदेश की पहली और इकलौती ऐसी जेल है जहां वेस्ट कागज को रीसाइकल किया जाता है। यह सारा काम जेल के बन्दी ही करते हैं। जिसका उन्हें पारिश्रमिक भी दिया जाता है।बताया जा रहा है कि कारागार में औसतन 12 रुपये प्रति कार्ड की दर से शादी के आमंत्रण पत्र की छपाई कराई जा रही है।
इस कागज़ का होता है इस्तेमाल:
इस जेल में विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी कार्यालयों से रद्दी कागज जैसे- रफ पन्ने, पुराने अखबार, प्रयोग से बाहर हो चुका अन्य कागजी सामान लाया जाता है। जिन्हें बंदियों की मदद से रीसाइकल कर के तैयार की गई स्टेशनरी को ऑर्डर के मुताबिक विभिन्न कार्यालयों में बिक्री के लिए भेजा जाता है।