चाहे जो कुर्बानी देनी पड़े…मौलाना महमूद मदनी का वक्फ एक्ट को लेकर बड़ा बयान

चाहे जो कुर्बानी देनी पड़े…मौलाना महमूद मदनी का वक्फ एक्ट को लेकर बड़ा बयान

Waqf Protest: वक्फ संशोधन विधेयक संसद से पारित होने के बाद देशभर में विरोध के स्वर उठ रहे हैं। कई लोग इसका विरोध कर रहे हैं। देशभर के मुस्लिम संगठन इस संशोधन विधेयक के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान मुर्शिदाबाद में हंगामा और हिंसा हुई। इस बीच जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने बड़ा बयान दिया है।

मौलाना महमूद मदनी ने वक्फ संशोध पर जताई आपत्ति

मौलाना महमूद मदनी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वक्फ संशोधन विधेयक पर अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। मौलाना मदनी ने भाजपा और उसके सहयोगी दलों पर ऐसा माहौल बनाने का आरोप लगाया जैसे पहले के वक्फ एक्ट में मनमानी चलती थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि पहले भी एक व्यवस्थित प्रक्रिया के तहत वक्फ बोर्ड (Waqf) बनाए जाते थे। इसमें सत्ताधारी दल अपनी पसंद के मुसलमानों को नियुक्त करते थे, लेकिन यह कहना गलत है कि तब कोई नियम-कायदे नहीं थे।

मौलाना मदनी ने सभी से शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस कानून के खिलाफ हर जगह शांतिपूर्ण प्रदर्शन होना चाहिए। उन्होंने उन सभी कार्रवाइयों की कड़ी निंदा की, जहां हिंसा हुई है, चाहे वह इस कानून के नाम पर हो या किसी और चीज के नाम पर, क्योंकि हिंसा से आंदोलन कमजोर होगा।

मुर्शिदाबाद से एक खास सवाल पर उन्होंने कहा कि वह हर जगह की बात कर रहे हैं। मौलाना मदनी ने मीडिया के एक वर्ग पर निशाना साधते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह फैलाया जा रहा है कि वक्फ की संपत्तियों पर चीन से आए लोगों ने कब्जा कर लिया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह वक्फ का मामला नहीं, बल्कि राजनीति का मामला है।

बिल्डरों को फायदा पहुंचाने लिए हुआ बिल में संशोधन

उन्होंने इस संशोधन को मुसलमानों के नाम पर, मुसलमानों के खिलाफ और मुसलमानों के लिए एक दुर्भाग्यपूर्ण कदम बताया, जिसमें कभी सहानुभूति दिखाई जाती है तो कभी गाली दी जाती है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह बिल न तो देश के लिए सही है, न भारतीयों के लिए और न ही मुसलमानों के लिए। उन्होंने आरोप लगाया कि यह संशोधन बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए लाया गया है। उन्होंने याद दिलाया कि उन्होंने उन ताकतों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है, जिनके साथ मौजूदा सरकार खड़ी है।

चाहे जो कुर्बानी देनी पड़े

उन्होंने कहा कि बहुसंख्यकवाद के जरिए देश की नींव को रौंदने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इस देश के प्रति उनकी जिम्मेदारी है कि वे गरीबों, शोषितों और हाशिए पर पड़े लोगों की पीड़ा को व्यक्त करें और इसके लिए उन्हें जो भी त्याग करना पड़े, वे उससे पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने साफ कहा कि उनकी लड़ाई जारी रहेगी, खत्म नहीं होगी। उन्होंने कहा कि चाहे उन्हें लड़ना पड़े या धैर्य रखना पड़े, वे हर स्थिति के लिए तैयार हैं।


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