सोनभद्र — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से 200 किलोमीटर दूर झारखंड और छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे सोनभद्र जिले के दुद्धी तहसील क्षेत्र के 11 गांव के लिए यह लोकसभा चुनाव आखिरी चुनाव होगा।
इन गांव के लोग लोकसभा चुनाव को लेकर बिल्कुल खामोश है उनका आरोप है कि उनके संघर्ष में किसी पार्टी के नेताओं ने उनकी मदद नहीं की।
आपको बता दें कि अगले साल सिंचाई के लिए बन रहे कनहर डैम के कारण यह इलाका डूब जाएगा। अगले साल सोनभद्र के अमवार गांव में कनहर नदी पर 43 वर्षों से बन रहे कनहर डैम बनकर तैयार हो जाएगा तब सिन्दूरी, भिसूर गांव सहित 11 गांव डूब जाएंगे यहां के लोग 19 मई को आखरी बार अपने घरों से वोट डालने निकलेंगे।
वहीं 50 वर्षीय शिव प्रसाद खरवार कनहर सिंचाई परियोजना के कारण डूबने वाले पहले गांव सुगवामान के रहने वाले हैं पिछले कई वर्षों से विस्थापन की समस्या को लेकर संघर्ष करते आ रहे हैं लेकिन उनके इस संघर्ष में ना तो किसी पार्टी ने और ना ही नेता ने उनकी मदद की जिससे वह काफी खफा है।
डूबे क्षेत्र के सिन्दूरी गांव की फुलकुवर कहती है कनहर सिंचाई परियोजना के कारण डूबने वाले 11गांव में एक अजीब सी खामोशी है चुनाव को लेकर यहां कोई भी चर्चा ही नहीं करना चाहता सुंदरी गांव की फुल कुंवर देवी 55 साल की है और वह अपनी पुश्तैनी घर छोड़ कर जाने को भी तैयार है लेकिन मुआवजा को लेकर काफी नाराज है।
कोरची गांव के पंकज कहते है कनहर बांध के लिए 1976 से लेकर 1982 तक जब सरकार ने यहां की जमीने ली थी और मुआवजा भी दिया था तब लोग अपने घरों से नहीं निकले क्योंकि 1984 में बांध का काम बंद हो गया अब जब 40 वर्षों के बाद कनहर बांध का काम पुनः शुरू हुआ है तब यहां के लोग नए भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के तहत मुआवजा की मांग कर रहे हैं।
सुन्दरी गांव के रामदेव कहते है कि सरकार कहती है कि मुआवजे को लेकर कोई भी संशोधन नहीं होगा लेकिन प्रत्येक परिवार को ₹70 हजार और आवासीय भूमि दी जाएगी 27 करोड़ की परियोजना आज बढ़कर 27 सौ करोड़ पार कर गई है परेशानी इस बात का है कि 1976 में 14 सौ परिवार को मुआवजा दिया गया था लेकिन आज 5000 से अधिक परिवार इसकी मांग कर रहे हैं जिसे सरकार नहीं मान रही है इसको लेकर लोगों में आक्रोश है।
कनहर बांध से भले ही 11 गांव डूब जाएंगे लेकिन इस बांध के बनने से दुध्दी और रावटसगंज तहसील के 200 से अधिक गांव के 27 हजार एकड़ भूमि को सिंचाई की सुविधा मिलेगी 19 मई को ये लोग आखरी बार अपने पुश्तैनी घरों से मतदान करने के लिए निकलेगे ।
वही कनहर सिंचाई परियोजना के अधिशाषी अभियंता हेमंत वर्मा कहते है कि उत्तर प्रदेश सरकार 2020 तक किसी भी हालत में कनहर सिंचाई परियोजना को पूर्ण कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
(रिपोर्ट-रविदेव पाण्डेय,सोनभद्र)