न्यूज डेस्क– झारखंड के पाकुड़ जिले में पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच उस वक्त हिंसक झड़प हो गई जब पुलिस को सूचना मिली की डागा पाड़ा गांव में बकरीद के मौके पर गाय की कुर्बानी दी जा रही है।
आरोप है कि कुर्बानी के लिए यहां गाय लाई गई थी। जिसकी खबर मिलते ही पुलिस ने इन्हे कब्जे में ले लिया। जिसके बाद स्थानीय लोग व पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई। पुलिस ने लाठीचार्ज कर किसी तरह भीड़ को तितर-बितर किया। वहीं इस घटना में 7 पुलिसकर्मी व 14 ग्रामीण जख्मी हो गए। 2015 में झारखंड में गो हत्या पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
बेकाबू भीड़ ने महेशपुर थाने की पुलिस पर हमला बोल दिया। सूचना मिलते ही आसपास के थानो की फोर्स मौके पर भेजी गई। जिसके बाद प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर आंसू गैस के गोले दागे गए। सभी घायलो को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना की जानकारी मिलते ही सभी आलाधिकार मौके पर पहुंचे और गांव में छापेमारी शुरु कर दी गई।
फिलहाल पूरे इलाके में तनाव का माहौल है।राज्य सरकार ने 18 अगस्त को सभी जिलों को निर्देश दिया था कि बकरीद के मौके पर गो हत्या जैसी घटनांए न होने पांए। संथाल परगना के पुलिस उप महानिरीक्षक राज कुमार लाकड़ा ने बताया कि पाकुड़ जिले के महेशपुर थाने की पुलिस को दंगापाड़ा गांव में गो हत्या की सूचना मिली थी।
जिसके बाद पुलिस के वहां पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने पथराव कर दिया। जिसमें चार पुलिसकर्मी मामलू रुप से जख्मी हो गए। जिसके बाद उन्हे पास के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया। लेकिन बेहतर इलाज के लिए उन्हे बाद में पाकुड़ के सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया था।
लाकड़ा ने आगे कहा कि जिला पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र प्रसाद बर्नवाल कानून-व्यवस्था को बनाये रखने के लिए अतिरिक्त बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि ‘स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है।