मैनपुरी–सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी प्रकार की योजनाएं इस गांव में जैसे फेल हो जाती हैं । योगी सरकार एक तरफ तो यूपी के सभी गांवों को विकसित करने का दम भरती है, लेकिन मैनपुरी का एक छोटा सा हिस्सा ऐसा भी है ; जिसे देखकर तो यही लगता है कि शायद ये गांव या तो उत्तर प्रदेश में ही नहीं आता या फिर इसे जान- बूझकर अनदेखा किया जा रहा है। फिलहाल इस गांव के बाशिंदे अपने हक की लड़ाई अब खुद ही लड़ रहे हैं।
मैनपुरी के ग्राम पंचायत हिमायूंपुर के मजरा हसरा में पिछड़ेपन का शिकार हुए ग्रामीणों ने जब अपनी आवाज बुलंद करते हुए पोलियो टीकाकरण का बहिष्कार कर दिया था तो पूरा प्रशासन हिल गया और सभी आला अधिकारी ग्रामीणों की मान – मनौवल में जुट गए थे । इसी सिलसिले में गांव में शौचालय निर्माण शुरू हो गया। रोड पर मिट्टी डलवाकर क्षेत्रीय विधायक ने सड़क निर्माण का शिलान्यास भी कर दिया। ग्रामीणों को लगा कि शायद अब सरकार उनकी परेशानियों को समझ रही है और जल्द ही वह लोग भी मुख्य धारा में आ जाएंगे, लेकिन उनकी खुशियां तब काफूर हो गईं जब गांव में केवल दो शौचालयों का ही निर्माण किया गया और रोड पर मिट्टी डालकर दो महीने से रानी अवन्तीबाई मार्ग का निर्माण का कार्य ठप्प पड़ा है। यहां विकास कार्यों के नाम पर केवल खानापूर्ति ही की जा रही है। इसलिए आक्रोशित ग्रामीणों ने आज फिर पल्स – पोलियो का बहिष्कार करते हुए पोलियो टीम के सदस्यों को खाली हाथ ही लौटा दिया।
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बता दें कि भोगांव विधानसभा क्षेत्र के गाँव हसरा में सड़क , पुलिया जैसी बुनियादी सुविधाएँ भी नहीं हैं । इतना ही नहीं यहां टूटे हुए पुल की मरम्मत पर भी किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। ऐसे में स्कूली बच्चे और ग्रामीण खेत पर बनी मेड़ों से अपने गंतव्य तक जाने के लिए मजबूर हैं। यहां न तो शौचालय बने हैं और न ही उज्ज्वला योजना के तहत एक भी सिलेंडर इन ग्रामीणों को मुहैया कराये गए हैं। ग्राम प्रधान अर्चना चौहान पत्नी राकेश चौहान भी यहां के ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए केवल आश्वासन देकर चली जाती हैं। यहां तक कि इलाके के विधायक रामनरेश अग्निहोत्री ने भी इस गाँव की पूरी तरह अनदेखी कर रखी है।
(रिपोर्ट- श्वेता सिंह )