कुदरत के कहर के आगे मजबूर ग्रामीण, खुद ही तोड़ रहे अपना आशियाना

फर्रूखाबाद– पहाड़ों पर हो रही बरसात से गंगा नदी के जलस्तर में पिछले 24 घंटों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। जलस्तर चेतावनी बिंदु के करीब 40 सेंटीमीटर दूर है। इससे गंगापार समेत कटरी इलाकों में हलचल है। 

गंगा जोरों के साथ कटान भी कर रही है। वहीं रामगंगा का जलस्तर अभी ठहरा हुआ है। 24 घंटे के भीतर इस नदी का भी जलस्तर बढ़ने की भी संभावना है।  गंगानदी का जलस्तर और बढ़ जाने से समेचीपुर चितार में ग्रामीणों की बेचैनी बढ़ गई है। कटान को नजदीक आता देख दो ग्रामीण अपने पक्के मकानों को तोड़ रहे हैं। यहां ग्रामीणों का बड़ा नुकसान हो चुका है। इस सबके बाद भी कटान रोकने के लिए ठोस इंतजाम अब तक नहीं हो पाए हैं जिससे ग्रामीण प्रशासन के रवैए को लेकर गुस्से में हैं।

समेचीपुर चितार गांव के लोग परेशान हैं कि आखिर प्रशासन उनकी मदद को नजर अंदाज क्यों कर रहा है। कटान देखकर मुरीशा और इरशाद ने अपने पक्के मकानों को तोड़ना शुरू कर दिया है। यह लोग सुरक्षित ठिकाना तलाश रहे हैं।  अब तक 70 शौचालय और एक सैकड़ा से अधिक घर नदी के कटान में समा चुके हैं। इसके अलावा बिजली के पोल भी बह चुके हैं। ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन की ओर से बल्ली कटान रोकने के लिए नदी में लगाई गई हैं। पानी बढ़ रहा है  इसका कटान पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ठीक से इंतजाम कराए जिससे कि यहां कटान रुक सके। 

आपको बताते चले गंगा नदी का जलस्तर शाम को 136.20 मीटर पर पहुंच गया जो कि चेतावनी बिंदु 136.60 से 40 सेंटीमीटर दूर है। रामगंगा नदी के जलस्तर में अभी कोई इजाफा नहीं  हुआ है। न ही यह नदी अभी गेज में आई है। नरौरा बांध से गंंगा नदी में 38965, हरिद्वार से 67102 और बिजनौर से 86147 क्यूसेक पानी भेजा गया है। जबकि रामगंगा नदी में हरेली बैराज से 2001, खो से 29594 क्यूसेक पानी पास किया गया है।

(रिपोर्ट-दिलीप कटियार, फर्रूखाबाद)

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