कानपुर के बिकरू गांव आठ पुलिसकर्मियों की नक्सली अंदाज में गोलियां बरसाकर हत्या करने वाले दुर्दांत अपराधी विकास दुबे (Vikas ) को आठवें दिन ही पुलिस और एसटीएफ की टीम ने कुछ दिन पहले मार गिराया था। पांच लाख रुपये इनामी हिस्ट्रीशीटर को मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर परिसर से गिरफ्तार किया गया था।
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वहीं उज्जैन में गिरफ्तारी के बाद कानपुर लाते समय गैंगस्टर विकास दुबे (Vikas ) के एनकाउंटर को लेकर जांच कर रही एफएसए टीम ने शनिवार की सुबह एसटीएफ को लेकर घटनास्थल पर एनकाउंटर का सीन रिपीट कराया।
सचेंडी हाईवे किनारे एनकांउटर सीन दोहराए जाने पर एसटीएफ टीम भी उस दिन की तरह चिल्ला कर बोली-विकास दुबे सरेंडर कर दो। अब टीम अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी।
शनिवार की दोपहर 12:05 बजे एसटीएफ के साथ एफएसएल की टीम जिस जगह गाड़ी पलटी थी वहां पहुंची और 12 सांकेतिक झंडी लगा दी गई। इसके बाद एक सिपाही को गाड़ी पलटने वाली जगह में बिठाया।
50 मीटर दूरी पर खड़े विकास दुबे पर…
इसी दौरान पीछे से आई एक गाड़ी से एसटीएफ के जवान उतरकर सिपाही से घटना की जानकारी लेने के बाद घटनास्थल से 50 मीटर दूरी पर खड़े विकास दुबे (Vikas ) के प्रतीकात्मक व्यक्ति से सरेंडर करने को बोलते हैं।
इसके बाद एसटीएफ के जवानों की टुकड़ी विकास को घेर लेती है और खुद को बचाने के लिए विकास फायर करता है। इसी दौरान एसटीएफ के जवानों की गोली सीने में लगने से विकास ढेर हो जाता है।
एनकाउंटर का सीन खत्म होने के बाद एफएसएल टीम के डॉ. एके श्रीवास्तव ने बताया कि एफआईआर का अध्ययन के आधार पर एनकाउंटर सीन को दोहराकर जांच की गई है। उन्होंने बताया कि जिन हाथियारों से फायर हुए हैं, उसकी जांच करने के बाद पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
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