स्पोर्ट्स डेस्क — रणजी ट्रॉफी के इतिहास में विदर्भ की टीम ने फाइनल मुकाबले में दिल्ली को हराकर पहली बार खिताब पर कब्जा कर इतिहास रच दिया. टीम ने पहली बार रणजी के फाइनल में जगह बनाई और पहली ही बार में खिताब अपने नाम कर लिया. विदर्भ की टीम ने दिल्ली को 9 विकेट से हराकर खिताब पर अपना कब्जा जमा लिया.
विदर्भ की ओर से जनीश गुरबानी की शानदार गेंदबाजी के बाद अक्षय वाडकर और वसीम जाफर की कमाल की बल्लेबाजी की बदौलत खिताब अपने नाम किया.बता दें कि विदर्भ को दिल्ली की ओर से दूसरी पारी में बनाए गए 280 रनों के आधार पर जीत के लिए 29 रनों की जरूरत थी, जिसे उसने एक विकेट के नुकसान पर 32 रन बनाकर हासिल कर लिया.
वहीं अपने आठवें खिताब के लिए प्रयासरत दिल्ली ने टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 295 रन बनाए थे. इसमें धुव शोरे के 145 रन शामिल हैं. पहली पारी में विदर्भ के रजनीश गुरबानी ने हैट्रिक सहित छह विकेट लिए.जवाब में विदर्भ ने अक्षय वाडकर के 133 रनों की बदौलत अपनी पहली पारी में 547 रन बनाकर 252 रनों की अहम बढ़त हासिल की. दिल्ली की टीम चौथे दिन सोमवार को अपनी दूसरी पारी में 280 रन बनाकर आउट हो गई.
अक्षय वखारे ने चार और आदित्य सरवटे ने तीन विकेट लिए. विदर्भ को जीत के लिए 29 रनों का लक्ष्य मिला, जिसे उसने एक विकेट खोकर हासिल कर लिया.इसी मैच में विदर्भ के तेज गेंदबाज रजनीश गुरबानी ने हैट्रिक लगाई थी. फाइनल में हैट्रिक लगाने वाले वह रणजी के इतिहास के दूसरे गेंदबाज बने.