वाराणसी पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने महीने भर तक चलने वाले ‘काशी तमिल संगमम’ का उद्घाटन किया। 17 नवंबर से 16 दिसंबर तक चलने वाले ‘काशी तमिल संगमम’ का आयोजन पीएम मोदी ने रिमोर्ट के जरिए कार्यक्रम का आगाज किया। इसका उद्देश्य देश के दो सबसे महत्वपूर्ण और प्राचीन ज्ञान केंद्रों- तमिलनाडु एवं काशी के बीच सदियों पुरानी कड़ियों को फिर से तलाशना और उनका उत्सव मनाना है. इस दौरान तमिलनाडु से आए हजारों यात्री इस काशी तमिल संगमम में शामिल हुए.
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‘काशी-तमिल संगमम’ के लिए भारत सरकार का शिक्षा मंत्रालय नोडल विभाग है और बीएचयू को स्थानीय तैयारियों के लिए समन्वय की जिम्मेदारी दी गई है. एक महीने चलने वाले आयोजन में शिक्षा संबंधित कार्यक्रम बीएचयू, सांस्कृतिक आयोजन रविदास घाट पर होगा. जबकि धार्मिक परंपरा, सांस्कृतिक जिसमें संगीत कला, हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट के उत्पादों का स्टॉल रविदास पार्क में लगाई जाएगी. इस दौरान काशी और तमिलनाडु के धार्मिक और सांस्कृति संबंधों को और मजबूत करने के लिए दोनों स्थानों के खानपान आदि के कार्यक्रम आयोजित होंगे. इस आयोजन में शामिल होने वालों को काशी विश्वनाथ धाम का भी दर्शन कराया जाएगा.
छात्र, शिक्षक, साहित्य, संस्कृति, शिल्प, अध्यात्म, विरासत, व्यवसाय, उद्यमी, पेशेवर आदि सहित 12 श्रेणियों के तहत तमिलनाडु के 2,500 से अधिक प्रतिनिधि वाराणसी के आठ दिवसीय दौरे पर आएंगे. इसके तहत 200 छात्रों के प्रतिनिधियों के पहले समूह ने 17 नवंबर को चेन्नई से अपना दौरा शुरू किया. वाराणसी के डीएम एस राजलिंगम ने बताया कि इस एक महीनें के आयोजन में दोनों राज्यों के संस्कृति, कला का समागम है जिसमें 12 ग्रूप में करीब 2500 मेहमान तमिलनाडु से काशी आएंगे. इनमें शिक्षक, छात्र, विद्वान, कलाकार, किसान शामिल होंगे.
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