प्रदेश की पुलिस आये दिन चर्चा में रहता है, पर इस बार की वजह खुद बेहद ही अलग और खास है। दरअसल, एक सिपाही के पत्र की वजह से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है। सिपाही का आरोप है कि बड़े साहब सैल्यूट करने पर सिर तक नहीं हिलाते, जिसकी वजह से हमें असहज और अपमानित महसूस होता है। मामला उत्तराखंड का है। इस पर गढ़वाल रेंज के डीआईजी को इस संबंध में आदेश जारी करना पड़ा। लिखित आदेश में उन्होंने कहा कि सभी एसएसपी और सीओ सैल्यूट का प्रति उत्तर जरूर दें। दरअसल पुलिस महकमे में अधीनस्थों का उच्चाधिकारी के प्रति अनुशासन का एक प्रोटोकॉल है। इसके तहत अधीनस्थ सैल्यूट करते हैं।
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सैल्यूट का जवाब ना मिलने से अपमानित महसूस होता है-
लेकिन जब साहब प्रति उत्तर में सिर तक नहीं हिलाते तो अधीनस्थ असहज (अपमानित) महसूस करते हैं। यह बात एक गुमनाम पुलिसकर्मी की ओर से पुलिस जन समाधान समिति को भेजे गए पत्र में उभरकर सामने आई। इसके बाद गढ़वाल रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक करन सिंह नगन्याल की तरफ से 22 अक्टूबर को सभी एसएसपी और सीओ को पत्र जारी किया गया है।
इसमें उन्होंने कहा है कि हरिद्वार जिले के एक पुलिसकर्मी ने पुलिस जन समाधान समिति को पत्र के माध्यम से अवगत कराया है कि पुलिस विभाग के कुछ अधिकारी जनता के सामने अधीनस्थों के साथ जरूरी व्यवहार अमल में नहीं ला रहे हैं। सैल्यूट करने पर वरिष्ठ अधिकारी की ओर से अभिवादन का प्रति उत्तर अभिवादन के रूप में सिर हिलाकर जवाब नहीं दिए जाने से जूनियर अधिकारी एवं पुलिसकर्मी असहज महसूस कर रहे हैं।
सैल्यूट का जवाब दें अफसर-
इस पर समिति ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाने का सुझाव दिया है। डीआईजी ने पुलिसकर्मी के पत्र पर समिति के सुझावों को विचारणीय बताते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अपने क्षेत्रों में जनता के सामने अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मियों के पद की गरिमा के अनुरूप शिष्ट व्यवहार किया जाए।
साथ ही सैल्यूट करने पर उसका प्रति उत्तर देकर संबंधित अधीनस्थ एवं कर्मी का मनोबल बढ़ाया जाए। डीआईजी की ओर से जारी आदेश की प्रतिलिपि सूबे में पुलिसकर्मियों के व्हॉट्सएप ग्रुपों के अलावा सोशल मीडिया पर भी तैर रही है। इसके बाद अधीनस्थों में पुलिस अधिकारियों के प्रति गुस्सा भी निकलकर सामने आ रहा है। पुलिसकर्मियों की तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं।
आईजी ने लिया शिकायत का संज्ञान
गढ़वाल मंडल डीआईजी करन सिंह नगन्याल ने बताया कि एक अज्ञात पुलिसकर्मी का पत्र प्राप्त हुआ था। इसमें अधिकारियों की ओर से अधीनस्थों को नाम की जगह अरे आदि शब्दों से बुलाने की भी शिकायत की गई है। यह उचित नहीं है। वरिष्ठ अधिकारियों के लिए निर्देश जारी किए गए हैं कि नाम का सही संबोधन करने के साथ ही सैल्यूट का जवाब भी दिया जाए। उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने इस संबंध में कहा कि पुलिसकर्मी की शिकायत की जानकारी नहीं है, लेकिन यह सही है कि वरिष्ठ अधिकारियों को सैल्यूट का प्रति उत्तर देना ही चाहिए। अनुशासन के साथ सम्मान के लिए भी यह जरूरी है।
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