लखनऊ–पत्रकार समाज का चौथा स्तंभ है जो अपनी जान हथेली पर लेकर आपदाओं,दंगों व विभिन्न ख़बरों सहित चल रहे कोरोना वायरस में भी अपने दायित्वों का निर्वहन करता चला आ रहा है।
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बेहद दिल दहला देने वाली घटना उन्नाव जिले में हुई है।जिसमें बेखौफ बदमाशों ने पत्रकार की दिन दहाड़े गोली मारकर नृशंष हत्या कर दी।इस जघन्य हत्या से पूरा उन्नाव दहल गया और साथ ही पत्रकारिता जगत में भी कोहराम मच गया।सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने छानबीन शुरू की।
जाने घटना का पूरा प्रकरण :
स्थान उन्नाव के गंगाघाट कोतवाली क्षेत्र समय तकरीबन शाम करीब 4:30 बजे अज्ञात बाइक सवार दो बदमाशों ने पोनी रोड गंगाघाट निवासी शुभममणि त्रिपाठी (27) पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। सिर व सीने में गोली लगने से वह लहूलुहान होकर गिर गए।
पुलिस ने घायल को हैलट भेजा है।मौके से पुलिस ने पिस्टल के दो कारतूस, दो खोखे व 315 बोर का एक काउरतूस व खोखा बरामद किया है। घटना में पिस्टल और तमंचे का प्रयोग किया गया है। म्रतक पत्रकार उन्नाव से बाइक पर घर लौट रहा था। शुभम कानपुर से निकलने वाले स्थानीय समाचार पत्र में उन्नाव जिला संवाददाता के पद पर कार्य कर रहा था।
कहां से शुरू हुई पत्रकार की हत्या की साजिश:
सूत्रों के अनुसार दिवगंत पत्रकार का एक चर्चित महिला नेता से विवाद चल रहा था।महिला पेशबंदी में पत्रकार के खिलाफ एक प्लाट का मामला दिखाकर तहरीर भी गंगाघाट थाने में दी थी।
पत्रकार ने लगाई थी डीजीपी व क्षेत्रीय पुलिस से गुहार:
वही पत्रकार ने क्षेत्रीय पुलिस से लेकर डीजीपी तक को पत्र भेजकर अपनी सुरक्षा की गुहार लगायी थी।लेकिन गंगाघाट पुलिस द्वारा कोई सुनवाई नही की गई जिसके परिणाम स्वरूप एक युवा पत्रकार को सरेराह दिनदहाड़े गोलियां से भून कर मौत के घाट उतार दिया गया। वही घटना के बाद से पत्रकारिता जगत में भारी रोष है।
ये रहे उपस्थित:
वही घटना स्थल पर आईजी रेंज लखनऊ लक्ष्मी सिंह,एसपी उन्नाव समेत भारी फ़ोर्स मौके पर जाँच पड़ताल में जुट गई। वही एएसपी विनोद कुमार पांडेय ने बताया की पुलिस घटना की जांच में जुटी है। घटना को लेकर पुलिस ने तहरीर के आधार पर कार्रवाई करेंगी
पत्रकार संगठनो में रोष:
जहां एक ओर कानपुर जर्नलिस्ट क्लब ने मुख्यमंत्री को ट्वीट करते हुए पत्रकार की हत्या करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग की साथ ही 20 लाख रूपयेआर्थिक सहायता की भी मांग की।
वही ऑल इंडियन रिपोर्टर एसोसिएशन के कानपुर के जिलाध्यक्ष आशीष त्रिपाठी ने पनकी में हुए एक पत्रकार पर जानलेवा हमला का हवाला दिया।साथ ही घटना में पूर्णतया पुलिस को दोषी बताया कहा कि यदि पुलिस समय रहते पत्रकार की गुहार सुन लेती तो शायद यह जघन्य हत्या ना होती और कहा की पत्रकार की हत्या करने वालों को त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस गिरफ्तार करें और साथ ही हत्यारों को फांसी की सजा मिले। इसके अतिरिक्त सरकार से 50 लाख रुपए आर्थिक सहायता की भी मांग की।