पूर्व मंत्री और लखनऊ पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से विधायक आशुतोष टंडन ”गोपालजी” (Ashutosh Tandon passes away) का बृहस्पतिवार को निधन हो गया। वह 63 वर्ष के थे और कैंसर से ग्रसित थे। मेदांता अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। बृहस्पतिवार दोपहर करीब 12:07 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। गोपालजी के निधन से राजधानी में शोक की लहर है। अस्पताल से उनका शव एंबुलेंस से सीधे भाजपा मुख्यालय ले जाया गया, जहां प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी समेत अन्य पदाधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
सीएम योगी समेत तमाम नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चौक में सोंधी टोला स्थित गोपालजी के आवास पहुंचे। मुख्यमंत्री के साथ डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक व राज्य सभा सदस्य डॉ. दिनेश शर्मा ने गोपालजी को श्रद्धांजलि अर्पित की और परिवारजन को ढ़ांढ़स बढ़ाया। मुख्यमंत्री ने शोक जताते हुए एक्स पर लिखा कि आशुतोष टंडन ‘गोपालजी’ का निधन अत्यंत दुःखद है। वे एक जनप्रिय, कर्मठ, जुझारू राजनेता के रूप में वे सदैव याद किए जाएंगे।
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प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। गोपालजी मध्य प्रदेश और बिहार के राज्यपाल रहे लालजी टंडन के पुत्र थे। गोपालजी के भाई अमित टंडन ने एक्स पर उनके निधन की सूचना दी। इसके बाद लोगों की भीड़ गोपालजी के आवास पर जुटने लगी। हजारों की संख्या में लोगों ने आवास पर गोपालजी के अंतिम दर्शन किए। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक शव वाहन पर सवार होकर गुलाला घाट गए। शाम करीब पांच बजे गोपालजी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ गुलाला घाट पर किया गया। छोटे भाई अमित टंडन ने मुखाग्नि दी।
आशुतोष टंडन के निधन पर व्यापारियों ने बंद रखी दुनाकनें
गोपालजी के निधन के बाद पुराने शहर में व्यापारियों ने दुकानें बंद कर दीं। हर वर्ग के लोगों ने गोपालजी को अंतिम विदाई थी। इस दौरान लोगों की आंखें नम हो गईं। गोपालजी को याद करते हुए लोगों ने कहा कि वह हर वक्त लोगों के लिए खड़े रहते थे। कभी भी किसी काम के लिए उन्होंने लोगों को मना नहीं किया। हर वर्ग के लोग उनके आवास पर अक्सर उनसे मिलने आते थे।
ऐसा रहा आशुतोष टंडन का सियासी सफर
12 मई, 1960 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जन्में आशुतोष टंडन ने अपनी पढ़ाई लखनऊ यूनिवर्सिटी से पूरी की। पढ़ाई के बाद पिता लालजी टंडन की तरह ही वे भी राजनीति के मैदान में उतर आए। आशुतोष टंडन तीन बार विधायक बने। 2013 में पहली बार बीजेपी के टिकट पर वे लखनऊ शहर पूर्वी सीट पर उपचुनाव में जीतकर विधायक बने। इससे पहले वह 2012 विधानसभा चुनाव में लखनऊ उत्तर सीट से खड़े थे, लेकिन उन्हें जीत नहीं मिली। 2017 के विधानसभा चुनाव में वे एक बार फिर जीत दर्ज। 2022 विधानसभा चुनाव में एक बार फिर वे मैदान में उतरे और तीसरी बार विधायक बने थे।
आशुतोष टंडन वर्तमान में उत्तर प्रदेश की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार में नगर विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन मंत्री हैं। इसके पहले वह तकनीकी और चिकित्सा शिक्षा मंत्री भी थे। वे भाजपा से लखनऊ पूर्व विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं। आशुतोष टंडन की शादी 1982 में मधु टंडन से हुई थी दोनों की एक बेटी भी है।
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