लखनऊ–उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UPMRC) शहर के सभी लोगों से अपील करता है कि नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के प्रकोप के मद्देनजर लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान मेटालिक थ्रेड/वायर/तारों और चाइनीज मांझे का उपयोग करते हुए संचालित मेट्रो कॉरिडोर के आस-पास पतंग उड़ाने से बचें।
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(UPMRC) मेट्रो कॉरिडोर के आसपास निशातगंज, बादशाह नगर और आलमबाग से सटे कई इलाकों में कल यूपीएमआरसी के कर्मचारियों ने पतंगों से ढके हुए आसमान को देखा।
यूपीएमआरसी (UPMRC) आप सभी को यह बताना चाहता है कि मेट्रो कॉरिडोर के पास पतंग उड़ाना बेहद खतरनाक है और पतंग उड़ने वाले व्यक्ति के लिए घातक व जानलेवा साबित हो सकता हैI हम सब बहुत अच्छे से जानते है कि लखनऊ मेट्रो 25000 वोल्ट की धाराप्रवाह वाली ओवर हेड इक्विपमेंट की सहायता से चलती है , यदि किसी पतंगबाज कि डोर इसके संपर्क में आती है तो ओएचई ट्रिप कर जाती है जिसके परिणाम स्वरूप मेट्रो संचालन में तो बाधा उत्पन्न होती है । इलेक्ट्रॉक्यूशन के कारण वह व्यक्ति भी गंभीर रूप से दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है।
पिछले दिनों भी ओएचई ट्रिपिंग की ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं जिसके कारण मेट्रो सेवाएं बाधित रही और बता दें कि यह सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान के अलावा बेहद जानलेवा भी साबित हो सकती हैं। कई मौकों पर तो मेटालिक थ्रेड/वायर/तार ओएचई के तारों में उलझे भी पाए गए हैं।
यूपीएमआरसी (UPMRC), सार्वजनिक हित में लखनऊ के लोगों से अपील करता है कि वे सीसीएस एयरपोर्ट से मुंशीपुलिया तक मेट्रो के संचालित कॉरीडोर में पतंग उड़ाने से बचें और मेटालिक थ्रेड/वायर/तार या चीनी मांझे का उपयोग करके पतंग उड़ाने की किसी भी प्रकार की खतरनाक गतिविधि में लिप्त न हो और सतर्क रहें।
यूपीएमआरसी नियमित रूप से मेट्रो कॉरिडोर के पास पतंग उड़ाने की दुष्परिणामों के बारे में जागरुकता अभियान चलाती आई है, ताकि मेट्रो की संपत्ति को होने वाले नुकसान के साथ-साथ ऐसी दुर्घटनाओं को भी रोका जा सके।
इसके अलावा, शहर के लोगों को सलाह दी जाती है कि वे लॉकडाउन के दौरान सरकार द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों का पालन करें ताकि नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) को फैलने से रोका जा सके और सामाजिक दूरी बनाई जा सके।