लॉकडाउन के कारण यूपी में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए पिछले चार दिनों से योगी सरकार और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी बीच लेटर जंग जारी है. प्रियंका गांधी द्वारा मजदूरों के लिए एक हजार बस (buses) चलाने की पेशकश पर पिछले 24 घंटे में चार लेटर एक दूसरे की ओर से जारी हो चुके हैं.
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दरअसल कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की बसों की पेशकश सोमवार को स्वीकर तो कर ली लेकिन योगी सरकार ने बसों (buses) की सूची मांगी, इसके बाद अब मंगलवार दस बजे तक बसों के फिटनेस सर्टिफिकेट और ड्राइवरों के लाइसेस सहित सभी दस्तावेज लखनऊ डीएम ऑफिस में जमा करने को कहा गया है तो प्रियंका के सचिव ने इसे राजनीतिक से प्रेरित बताया.
औरैया हादसे के बाद शुरू हुई जंग…
बता दें कि शनिवार को प्रियंका गांधी ने औरैया में हुई दुर्घटना के बाद प्रवासियों के लिए 1000 बसों (buses) को अनुमति देने के लिए मुख्यमंत्री को लिखा था. इसके अलावा प्रियंका गांधी ने रविवार को भी योगी सरकार से उन बसों को राज्य में प्रवेश करने की अनुमति देने का आग्रह किया था. जिसके बाद कांग्रेस की ओर से लगभग 980 बसों में प्रवासी मजदूरों को राजस्थान से यूपी भेजा गया था.मगर उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें राज्य में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी.
बसों को यूपी बॉर्डर पर रोका गया..
जिसके बाद सभी बसों को राजस्थान और यूपी बॉर्डर पर ही रोक दिया गया था. यूपी की सीमा में बसें को प्रवेश की अनुमति न मिलने के बाद सभी बसों को वापस ले जाया गया था. जिससे उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि उन्हें कांग्रेस से बसों की सूची नहीं मिली. वहीं सोमवार यानी आज कांग्रेस नेताओं ने 1000 बसों की सूची राज्य सरकार को सौंपी.
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