लखनऊ–कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान UP में लॉकडाउन में सरकारी तथा निजी कार्य प्रणाली में बदलाव आगे भी जारी रह सकता है। मौजूदा हाल देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद आने वाले दिनों में सभी की जीवनशैली-कार्यशैली बदल जाए।जिस तरह से ऑनलाइन पढ़ाई के प्रबंध मजबूत हैं, ठीक वैसा ही कोरोना इफेक्ट शासन की कार्य संस्कृति पर भी नजर आना शुरू हो गया है।
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UP में संक्रमण से बचाव के लिए शारीरिक दूरी बनाए रखने के मद्देनजर मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही बैठकें करने का निर्णय किया है। इसके लिए सभी विभागाध्यक्षों के लैपटॉप, डेस्कटॉप व स्मार्ट फोन में एनआइसी के जरिए एप का इंतजाम किया जाएगा।
दरअसल, UP का प्रशासनिक मुखिया होने के नाते मुख्य सचिव से लेकर अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव द्वारा की जाने वाली शासन स्तरीय बैठकों में अभी विभागाध्यक्षों को व्यक्तिगत रूप से शामिल होने की व्यवस्था है। चूंकि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए शारीरिक दूरी बनाए रखना जरूरी है, इसलिए सरकार की मंशा अब न्यूनतम व्यक्ति आधारित बैठकों को करना है। ऐसे में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही बैठकें करने का निर्णय किया है। इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी (आइटी) एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग को बाकायदा पत्र लिखकर अपेक्षा की गई है कि एनआइसी के माध्यम से सभी विभागाध्यक्षों के कार्यालय के डेस्कटॉप, लैैपटॉप और स्मार्ट फोन में संबंधित एप आदि की व्यवस्था कर उनके एकाउंट बनाए जाएं।
मुख्य सचिव के फैसले पर प्रमुख सचिव आइटी आलोक कुमार ने सभी UP में विभागाध्यक्षों को पत्र लिखा है। विभागाध्यक्षों से कहा गया है कि मुख्य सचिव के स्तर की सभी बैठकें अब आइटी एप्स के जरिए होंगी। ऐसे में सभी को निर्देश दिया गया है कि वे एनआइसी के जरिए अपने डेस्कटॉप, लैपटाप या स्मार्टफोन में इसे इंस्टॉल कराकर एकाउंट एक्टीवेट कराएं, ताकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठकें हो सकें।