यूपी के बरेली में लॉकडाउन के समय पुलिसकर्मियों ने अपने साथियों के साथ मिलकर बर्थ-डे पार्टी करने का मामला सामने आया था। जिसके बाद आला अधिकारियों के लिए यह बर्थ-डे पार्टी जी का जंजाल बन गई थी। दरोगा
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इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए पुलिसकर्मियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की गई थी। लेकिन एक पुलिस सब इंस्पेक्टर ( दरोगा) ने सीओ और इंस्पेक्टर समेत 4 पुलिसकर्मियों पर कोर्ट के आदेश से षड्यंत्र और जानलेवा हमले को लेकर एफआईआर दर्ज कराई है।
ये था पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक कोरोना के चलते विश्वयापी लॉकडाउन किया गया था, जिसमें सभी पुलिसकर्मी फ्रंटलाइन के रूप में सामने आए थे। लेकिन यूपी के बरेली में इस दौरान एक थाने के अंदर कुछ पुलिसकर्मियों ने बर्थ-डे पार्टी मनाई।
इस पार्टी में गोली चलने से एक दरोगा घायल हो गया था। जिसके बाद पार्टी में मौजूद पुलिस इंस्पेक्टर ने घायल दरोगा के खिलाफ ही शराब पीकर थाने में तोड़फोड़ और हमले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
निलंबित दरोगा ने दर्ज कराई FIR
दरअसल, जब यह घटना हुई थी तो इसकी जांच सीओ अशोक कुमार ने की थी। इस मामले में घायल दरोगा को ही आरोपी बनाकर निलंबित कर दिया गया था।
लेकिन अब कई महीने बाद निलंबित चल रहे दरोगा ने न्याय की आस लिए अपने ऊपर मुकदमा लिखवाने वाले तत्कालीन इंस्पेक्टर और घटना की जांच करने वाले सीओ के खिलाफ कोर्ट में गुहार लगाकर एफआईआर दर्ज करवा दी है। वहीं पुलिस अधिकारी मान रहे हैं कि विभागीय कार्रवाई से बचने के साथ पेशबंदी में मुकदमा दर्ज करवाया गया है।
चर्चा का विषय बना हुआ है मामला
अपने ही महकमें के अधिकारियों के खिलाफ एक निलंबित पुलिसकर्मी द्वारा मुकदमा दर्ज करवाने का यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। निलंबित दरोगा ने अपनी एफआईआर में बताया है कि, वह सब इंस्पेक्टर के पद पर बरेली के कैंट थाने में तैनात था। जहां उसे काफी प्रताड़ित किया जाता था जिससे परेशान होकर उसने अपना रिजाइन भी शासन को भेज दिया था।
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