उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार करप्शन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाते हुए बड़ा एक्शन में है। इसके साथ उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) की जांच में यूपी कैडर के दो IPS अफसर डॉ. अजय पाल शर्मा व हिमांशु कुमार दोषी पाए गए हैं। विजिलेंस ने अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है।
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सूत्रों की माने तो रिपोर्ट में दोनों IPS अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की संस्तुति की गई है।
विजिलेंस की जांच में पाए गए दोषी…
दरअसल विजिलेंस ने शासन के आदेश पर यह जांच की थी। शासन ने एसआईटी की जांच रिपोर्ट में सामने आए तथ्यों के आधार पर विजिलेंस को यह जांच सौंपी थी। एसआईटी ने यह जांच गौतमबुद्धनगर (नोएडा) के पूर्व एसएसपी वैभव कृष्ण के शिकायती पत्र पर की थी। वैभव कृष्ण ने इसमें डॉ. शर्मा व हिमांशु कुमार समेत पांच IPS अफसरों पर आरोप लगाए थे।
तीन आईपीएस को क्लीन चिट
एसआईटी ने अपनी जांच में तीन आईपीएस अफसरों को क्लीन चिट दे दी थी, जबकि डॉ. शर्मा व हिमांशु कुमार के खिलाफ विजिलेंस से जांच कराने की सिफारिश की थी। डॉ. शर्मा पर अपराधियों से सांठगांठ और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे तो हिमांशु कुमार पर ट्रांसफर-पोस्टिंग में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे।
SIT की सिफारिश पर शासन ने मामले की जांच विजिलेंस को सौंप दी थी। सूत्रों के अनुसार विजिलेंस ने दोनों पर लगाए गए कई आरोपों को सही पाया है और दोनों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की सिफारिश की है।
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