पंचायत चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को बेहद मजबूत करने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने गुरुवार को कानपुर तथा वाराणसी में पुलिस कमिशनर प्रणाली लागू करने का फैसला किया। IPS
इसके साथ ही सरकार ने 43 आइपीएस अधिकारियों की तबादला कर दिया था। लेकिन इसी बीच खबर आ रही है कि रिटायरमेंट के ठीक पहले हटाए जाने को लेकर पुलिस के स्टेट कैडर के IPS अफसरों में नाराजगी जताई है।
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स्टेट कैडर ने फैसले को बताया अपमानजनक
दरअसल सरकार की तबादला लिस्ट में यूपी कैडर के 4 सीनियर आईपीएस अधिकारियों का नाम शामिल है, सरकार के इस फैसले को स्टेट कैडर ने अपमानजनक माना है। ध्यान देने वाली बात है कि कुछ ही महीने में चारों आईजी सुभाष बघेल (आईजी झांसी), राजेश पांडेय (आईजी बरेली), पीयूष श्रीवास्तव (आईजी मिर्जापुर), श्रीपर्णा गांगुली (आईजी नोएडा) रिटायर होने वाले थे।
35 साल की बेदाग कैरियर
अधिकारियों के मुताबिक यूपी पुलिस में आईजी राजेश पाण्डेय का 35 साल की बेदाग कैरियर होने के बाद भी असम्मानजनक विदाई से नारजगी है। उनके पूरे कैरियर में पुलिस के एक समर्पित अधिकारी की छवि आम जनता में बनी हुई है।
जिस तरह से अपनी जिम्मेदारी का हमेशा पूर्ण निर्वहन करने के बाद इस पद तक पहुँचने वाले अधिकारी है। आईजी बरेली के पद से हटाकर अभी मुख्यालय पर नियुक्त किये गये है।
सीएम को पत्र लिखकर करेंगे विरोध
इसी तरह आईजी पीयूष श्रीवास्तव आईजी मिर्जापुर से हटाए गए जबकि आईजी सुभाष बघेल आईजी झाँसी से हटाए गये है। इन सभी अधिकारियों को लखनऊ में साइड पोस्टिंग दी गई है। ये सभी अधिकारी 35 साल स्टेट की सेवा करके आईजी के पद पर पहुंचे थे।
यकायक चारों अधिकारियों को एक साथ हटाकर कैडर में सरकार द्वारा क्या संदेश दिया गया है ये सबकी समझ से परे है हालांकि कैडर में नाराजगी निचले स्तर पर भी है। वहीं इस मामले में PPS एसोसिएशन सीएम को पत्र लिखकर सरकार के इस फैसले का विरोध करेगा।
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