देश में कोरोना महामारी की वजह से उपजी आर्थिक तंगी से कहीं कोई शिक्षक सड़क किनारे सब्जी बेच रहा है तो कोई मजदूर और कारपेंटर का काम कर अपनी रोजी-रोटी कमा रहा है. उत्तर प्रदेश के हापुड़ जनपद में एक स्कूल संचालक सब्जी बेचने को मजबूर है.
स्कूल बंद होने के चलते स्कूल संचालक की आर्थिक हालत बेहद खराब हो गई, जिसके बाद उसने स्कूल परिसर को ही सब्जी की दुकान में तब्दील कर दिया और परिवार का पेट पालने के लिए सब्जी बेच रहा है.
कोरोना काल बंद हुआ स्कूल..
हापुड़ के मोहल्ला भंडापट्टी में रहने वाले शमशाद अहमद कक्षा- 5 तक का एक प्राइवेट स्कूल कई सालों से संचालित कर रहे थे. लेकिन कोरोना काल में सरकार ने स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए जिसके बाद बीते 2 सत्र से स्कूल अब तक नहीं खुल पाए हैं.
स्कूल नहीं खुलने के चलते स्कूल में पढ़ाने वाले टीचरों को स्कूल से हटाना पड़ा. तब भी हालात नहीं सुधरे और स्कूल संचालक के सामने परिवार को पालने का संकट खड़ा हो गया तो स्कूल संचालक अब सब्जी बेचकर अपना परिवार पाल रहे हैं.
अभी स्कूल खुलने की कोई उम्मीद नहीं
शमशाद अहमद का कहना है कि वह कक्षा- 5 तक का रोशन पब्लिक स्कूल चलाते थे. लेकिन कोरोना के चलते स्कूल बंद हो गया तो परिवार को पालने के लिए उन्होंने सब्जी बेचना शुरू किया है. उन्होंने बताया कि स्कूल पहले से ही बंद है और अभी स्कूल खुलने की कोई उम्मीद भी नहीं है. तीसरी लहर की भी आशंका जताई जा रही है ऐसे में परिवार का खर्चा चलाने के लिए उन्होंने स्कूल परिसर में सब्जी बेचना शुरू किया है.
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(रिपोेर्ट- विकास कुमार, हापुड़)