उत्तर प्रदेश के निजी स्कूलों (schools) की एसोसिएशन ने फीस बढ़ाने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. जबकि डिप्टी सीएम ने कहना है कि किसी भी कीमत पर फीस नहीं बढ़ने दी जाएगी अगर स्कूलों (schools) ने जबरदस्ती की तो भारी जुर्माना लगाया जाएगा.
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एक तरफ जहां प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है जिस पर सरकार को नोटिस भी भेजा गया है. वहीं दूसरी तरफ एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन देकर मांग की है कि जो प्राइवेट स्कूल एक्ट बनाया गया है. साथ-साथ जो फीस वृद्धि एक साल तक रोकने का GO गवर्मेंट आर्डर निकाला गया है उसे भी खत्म किया जाए.
फीस वृद्धि पर योगी सरकार ने लगाई थी रोक
गौरतलब है कि कोरोना के इस संकट काल में यूपी की योगी सरकार ने सभी प्राइवेट स्कूलों (schools) में एक साल के लिए फीस वृद्धि पर रोक लगा दी थी ,साथ ही वाहन शुल्क भी लेने से मना कर दिया है, जिसके खिलाफ एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल उत्तर प्रदेश ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
ऐसे दौर में जब लोगों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है, उत्तर प्रदेश के एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल चाहता है कि हर साल की तरह उन्हें इस साल भी फीस बढ़ाने की छूट दी जाए.
स्कूलों ने ऑनलाइन क्लासेज चलाने की दी दलील…
वहीं हाईकोर्ट में सरकार के फैसले के खिलाफ जाते हुए प्राइवेट स्कूलों (schools) ने यह दलील दी कि वह लोग ऑनलाइन क्लासेज चला रहे हैं. शिक्षकों को सैलरी बढ़ानी है और स्कूल के खर्चे चलाने हैं ऐसे में सरकार फीस बढ़ाने के उनके अधिकार को नहीं रोक सकती प्राइवेट स्कूलों के रिट याचिका पर फिलहाल लखनऊ हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस देकर जवाब मांगा है और अगली सुनवाई 18 जून तय कर दी है.
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