लखनऊ –उत्तर प्रदेश में पुलिस की छवि सुधारने और पारदर्शिता के लिए डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने एसपी से लेकर सिपाही तक को हर साल संपत्ति का ब्यौरा देने की सिफारिश शासन को भेजी है।डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि अभी आईपीएस अफसरों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा हर वर्ष 15 जनवरी तक देना अनिवार्य होता है। पीपीएस संवर्ग और अन्य अराजपत्रित पुलिस कर्मियों को पांच साल में एक बार यह ब्यौरा देना होता है।
वहीं महानिदेशक ओपी सिंह के इस निर्णाय के बाद जहां पूरे पुलिस महकमे में इस प्रस्ताव को लेकर चर्चा हो रही है तो वहीं आम जनमानस के बीच पुलिस महानिदेशक को लेकर जनता तारीफ करते नहीं थक रही है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने शासन को एक प्रस्ताव भेजा है जिसमें उन्होंने राज्य के सभी पुलिसकर्मियों को हर साल संपत्ति का ब्योरा देने की बात कही है जबकि अभी तक सिर्फ आईपीएस अधिकारी को ही हर साल अपनी संपत्ति का ब्योरा देना पड़ता था।
लेकिन जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा और शासन इस प्रस्ताव पर मोहर लगा दी तो जल्द ही पीपीएस, गजेटेड, नॉन गजेटेड पुलिसकर्मी, इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल इसके घेरे में होंगे और इन सबको भी हर साल आईपीएस अधिकारियों की तरह अपनी संपत्ति का ब्योरा देना पड़ेगा।
देनी होगी यह जानकारी
डीजीपी के अनुसार ऐसी सभी संपत्तियों के बारे में जिसका वह स्वामी हो, जिसे उसने खुद खरीदा हो या दान के रूप में मिला हो, का घोषणा पत्र देना होता है। अन्य जगहों पर निवेश की गई रकम की भी घोषणा करनी होती है, जिसे उसने खुद अर्जित की हो, उसकी पत्नी या साथ रहने वाले या किसी भी प्रकार से आश्रित उसके परिवार के किसी सदस्य द्वारा अर्जित की गई हो।